धर्मांतरण के मामले को कम करने के लिए एक नया कानून बनाने की सिफारिश की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार से सख्त कानून बनाने की सिफारिश की है।
इस कानून के मुताबिक अगर जबरन धर्मांतरण कराया जाता है तो कम से कम 1 साल और ज्यादा से ज्यादा 5 साल की सजा हो सकेगी।इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि सरकार अगले सत्र में विधेयक के रुप में से लाएगी। इस कानून के तहत यदि किसी को पैसे देकर शादी करने और धर्म परिवर्तन करने के लिए अगर कहा जाता है तो वह शादी को रद्द किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए दिसंबर 2017 में आयोग से कहा था कि इस पर कोई विस्तृत कानून प्रावधान तय करके रिपोर्ट दी जाए। अगर किसी को धर्मांतरण करना है तो उससे पहले मजिस्ट्रेट से अनुमति जरूरी है इसके लिए उन्हें 1 महीने पहले सूचना देनी होगी इसी तरह पुजारी मौलवी फादर को भी विवाह कराने की सूचना मजिस्ट्रेट को एक महीने पहले देनी होगी। इसके साथ ही सिविल कोर्ट को भी अधिकार दिया जाए कि जबरन धर्म परिवर्तन कराकर हुई शादी को रद्द कर दें।
अगर कोई संस्था या कोई संगठन इन कानूनों का उल्लंघन करता है तो उससे जुड़े प्रमुख संचालक को भी सजा दी जाएगी साथियों संस्था या संगठन का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि कुछ राज्यों में पहले से ही धर्मांतरण पर सख्त सजा के प्रावधान है। इसमें मध्य प्रदेश अरुणाचल प्रदेश तमिलनाडु गुजरात ओडिशा राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्य सम्मिलित है।