नोएडा अभी भी दमघोंटू शहर में देश के टॉप लिस्ट में है। सरकार द्वारा कई कार्यवाही की गई और फिर भी नोएडा की वायु है जो अभी भी दम घोंट रही हैं। सुबह से ही आसमान पर धूल की चादर छाई रहती है।धुंध और प्रदूषण के कण इतने अधिक होते हैं की 500 मीटर तक भी देखना मुश्किल होता है।
12 बजे के बाद स्थिति थोड़ी बेहतर हो जाती है पर सांस लेने लेने में फिर भी दिक्कत होती है। शाम को मामूली कमी ही देखने को मिलती है।शुक्रवार को नोएडा का एक्यूआई 469 रहा।अगर बाकी चरणों की बात की जाए तो गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता 471, गुरुग्राम का 460, दिल्ली का 458, फरीदाबाद का 450, और ग्रेटर नोएडा का 442 रहा।
धूल उड़ाने पर कई जगह 3 लाख का जुर्माना किया गया है।प्राधिकरण की टीम शहर के हर स्थान पर औचक निरीक्षण कर रही है। प्राधिकरणों ने बताया है की 103 किलोमीटर लंबी सड़क पर पानी का छिड़काव भी कराया है। प्राधिकरण ने बताया कि यह काम नियमित रूप से किया जा रहा है।
डॉक्टर्स ने बताया है कि लगातार वायु प्रदूषण के कारण सामान्य बीमारी को भी ठीक होने में अधिक समय लग रहा है क्योंकि प्रदूषण के कारण सांस रोग को बढ़ा देते हैं। वहीं वायु प्रदूषण के कारण एलर्जी भी बढ़ जाती है जिससे सांस लेने सहित कई परेशानियां आ जाती है। सांस के रोगियों को इस समय सबसे ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। आपातकालीन विभाग में तो 9 दिनों में 262 मरीज पहुंच चुके हैं। अक्टूबर में 2,552 मरीज इलाज कराने के लिए अस्पताल आए थे। इसमें बच्चों की संख्या सबसे अधिक थी।