तापासी पन्नू कहती हैं की थप्पड में एक पारंपरिक भारतीय महिला का किरदार निभाना बहुत बड़ा काम था,जिन्होंने उग्र और कट्टरपंथी चरित्रों का निबंध करके फिल्म उद्योग में खुद को स्थापित किया है।
पिंक, मुल्क जैसी फिल्मों के लिए जाने वाली अभिनेत्रि ने कहा कि आगामी फिल्म भारत की महिलाओं के लिए एक है और रिश्तों में लैंगिक गतिशीलता की पड़ताल करती है।
थप्पड़ में अपने मूल निर्देशक अनुभव सिन्हा के साथ तापसी को फिर से देखा। मेरे और अनुभव सर के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मैं उस उग्र छवि को कैसे चीर दूं क्योंकि दर्शकों को मुझे कुछ कट्टरपंथी करते हुए देखने की आदत है। थप्पड़' को खत्म करने के बाद मुझे राहत मिली। अमृता बनना बहुत कठिन था। कई बार मुझे ऐसा लगता था कि मैं आपको चेहरे पर मुक्का मारना चाहती हूं।