आपको बता दे की पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष पर सोमवार को टीएमसी और कांग्रेस द्वारा खड़गपुर उपचुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता खड़गपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में मौजूद थे और निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं होने के बावजूद मीडिया में बयान दिए। घोष ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए आरोपों का खंडन किया है। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने सोमवार शाम चुनाव आयोग के साथ इस संबंध में शिकायत दर्ज की। "दिलीप घोष अब विधायक नहीं हैं। वह अभी एक सांसद हैं और खड़गपुर के मतदाता भी नहीं हैं। इसलिए वे पूरे दिन पार्टी नियंत्रण कक्ष का प्रबंधन कर रहे थे। क्या उन्होंने खड़गपुर में रहने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति ली थी?" टीएमसी के उम्मीदवार प्रदीप सरकार ने संवाददाताओं से कहा, "पूरे दिन के लिए वह टेलीविजन चैनलों को केवल मतदान का माहौल बिगाड़ने के लिए बाइट देते रहे।" प्रदीप सरकार के विचारों को राज्य के वरिष्ठ नेता सुवनकर सरकार ने प्रतिध्वनित किया, जिन्होंने घोष के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई और चुनाव आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। घोष ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके पास सभी आवश्यक अनुमति हैं। "मैंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है और सभी आवश्यक अनुमतियां हैं। आरोप निराधार हैं," उन्होंने कहा। चुनाव आयोग ने कहा कि वे शिकायत पर गौर कर रहे हैं।रोजाना न्यूज़ पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज अम्बे भारती को लाइक करे।
बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मतदान संहिता का उल्लंघन किया
नवंबर 26, 2019
0
Tags
अन्य ऐप में शेयर करें