सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें आईएनएक्स-मीडिया धनशोधन मामले में जमानत मांगी गई थी। न्यायमूर्ति आर बानुमति की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले से संबंधित संबंधित दस्तावेजों को एक सीलबंद कवर में प्रस्तुत करने के लिए कहा, जिसे जांच एजेंसी अदालत के दुरुपयोग के लिए रिकॉर्ड पर रखना चाहती है।
ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि हिरासत से भी महत्वपूर्ण गवाहों पर चिदंबरम का "पर्याप्त प्रभाव" जारी है। चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता काबिल सिब्बल और ए एम सिंघवी ने पीठ को बताया कि चिदंबरम को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ने वाला कोई भी सबूत नहीं था और न ही यह दिखाने के लिए कोई सामग्री थी कि उन्होंने किसी सबूत के साथ प्रभावित किया या छेड़छाड़ की। शीर्ष अदालत चिदंबरम की दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपील के साथ काम कर रही है।