गुरुवार को जारी एक विश्लेषण के अनुसार, शहर की तटरेखा (हाई-टाइड लाइन) से एक किलोमीटर के भीतर रहने वाले लगभग तीन मिलियन लोग बाढ़, तूफान के बढ़ने और समुद्र के स्तर में वृद्धि से "गंभीर" खतरे में हैं।
उच्च-ज्वार रेखा भूमि पर संबंधित बिंदु है जहां ज्वार अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचता है।
निजी समूह मैकिंसे एंड कंपनी इंक के नए शोध ने मुंबई के तट के लिए 2050 से अब तक जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती तीव्रता के साथ कई खतरों के जोखिमों की पहचान की। जनवरी 2020 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में मैकिन्से एंड कंपनी द्वारा जारी जलवायु जोखिम और प्रतिक्रिया: भौतिक खतरों और सामाजिक आर्थिक प्रभावों ’नामक वैश्विक रिपोर्ट पर विश्लेषण का निर्माण होता है।
मुम्बई-विशिष्ट विवरण जारी किए गए क्लाइमेट क्राइसिस कॉन्क्लेव के दौरान गुरुवार को नॉट-फॉर-प्रॉफिट ग्रुप मुम्बई फर्स्ट और महाराष्ट्र सरकार द्वारा होस्ट किया गया।