चीन के वैज्ञानिकों ने कोरोना पर वुहान में अध्ययन किया। जिसमे एक नया तथ्य सामने आया है। आपको बता दे की वुहान चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी है। चीन के हुबेई प्रांत जिनइंतान अस्पताल को शोधकर्ताओं ने नवीन खुलासा किया है कि कोरोना वायरस कुछ ब्लड ग्रुप के इंसानों को ज्यादा प्रभावित करता है। इस शोध में सामने आया है कि ब्लड ग्रुप "ए" कोरोना वायरस से जल्दी संक्रमित हो सकता है, बल्कि ब्लड ग्रुप ओ को संक्रमित होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।
आपको बता दे की वैज्ञानिकों ने वुहान में कोरोना वायरस से संक्रमित 2173 लोगों पर अध्ययन किया था। और इनमें से 206 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई थी। ये लोग हुबेई प्रांत के अस्पतालों में भर्ती थे।
कोरोना वायरस की वजह से मारे गए 206 लोगों में से 85 लोगों का ब्लड ग्रुप ए था। मतलब तकरीबन 41 फीसदी का। जबकि, 52 लोगों का ब्लड ग्रुप ओ था। मतलब तकरीबन 25 फीसदी का।
2173 लोगों में से ब्लड ग्रुप ए वाले लोग ज्यादा संक्रमित भी थे। इसमें से 32 फीसदी ब्लड ग्रुप ए के थे जबकि 26 फीसदी ही ब्लड ग्रुप ओ के लोग थे।
रिसर्च में शामिल किए गए सभी लोगों में से ब्लड ग्रुप ए के 38 फीसदी लोग संक्रमित हुए थे, जबकि ब्लड ग्रुप ओ के सिर्फ 26 फीसदी लोग ही इस कोरोना वायरस से प्रभावित हुए थे।
तो इसके मद्देनज़र शोधकर्ताओं ने यह परिणाम निकाला कि ब्लड ग्रुप ओ का कोरोना वायरस से मरने की आशंका बाकी ब्लड ग्रुप से कम है। साथ ये लोग संक्रमित भी देर से होते हैं। वहीं, ब्लड ग्रुप ए वालों के कोरोना से मरने की आशंका सबसे ज्यादा है।
आपको बता दे की जब सार्स-सीओवी-2 (SARS-COV-2) का हमला हुआ था, तब भी ब्लड ग्रुप ओ के लोग कम बीमार पड़े थे, जबकि बाकी ब्लड ग्रुप के लोग काफी ज्यादा प्रभावित हुए थे।
इसका मतलब ये नहीं है की ब्लड ग्रुप ए वाले ही संक्रमित होंगे। या फिर ब्लड ग्रुप बी वाले नहीं होंगे। सावधानी सबको बरतनी होगी।