आपको बता दे की मलेशियाई सरकार ने कोविद - 19 से निपटने के लिए भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का अनुरोध किया है। इतना ही नहीं भारत को दवा के लिए 30 देशों से अनुरोध मिला है। कोविद - 19 के खिलाफ लड़ाई में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन या HCQ को गेम-चेंजर दवा कहा जा रहा है।
भारत मलेशिया संबंध
इससे पहले भारत-मलेशिया सम्बन्ध तब खराब हुए जब मलेशिया ने भारत के विरोध में कश्मीर पर बयान दिया। इतना ही नहीं उसने भारत के आंतरिक मामलो में भी बयान दिया। साथ के साथ भारत के नागरिकता संशोधन कानून पर भी गलत बयान दिया।
मलेशिया के इन्ही बयानों से भारत- मलेशिया के रिश्ते बिगड़ गए थे। लेकिन अब मलेशिया ने इस मुश्किल घडी में भारत से मदद मांगी है। कोविद - 19 से निपटने के लिए उन्होंने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का अनुरोध किया है।
लेकिन मुइहिद्दीन यासिन के नए मलेशियाई नेतृत्व में चीजें आशावादी दिखती हैं। पिछले महीने, नए मलेशियाई विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने भारतीय दूत से मुलाकात की थी और एक ट्वीट में कहा था, "मलेशिया और भारत के संबंधों को पोषण और समेकित किया जाना चाहिए ताकि हम सुनिश्चित कर सकें कि हम एक साथ एक नए अध्याय का पता लगाएं, जिससे हमारे पारस्परिक लाभ के संबंध मजबूत हों। "
भारत को अमेरिका, ब्राजील, खाड़ी, यूरोप और अब दक्षिण-पूर्व एशिया से HCQ के लिए अनुरोध मिला है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या एचसीक्यू को निर्यात किए जाने पर प्रतिबंध है लेकिन भारत लाइसेंस प्राप्त मात्रा देगा। इससे पहले सप्ताह में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन और फिर इससे प्रभावित देशों को दवाई देना भारत की प्राथमिकता होगी। अमेरिका को ये दवाई दी जा चुकी है। और श्री लंका को भी ये दवाई दी जा चुकी है। इतना ही नहीं शनिवार तक ब्राज़ील को भी ये दवाई मिल जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दवाई को देने के लिए धन्यवाद भी किया है। इतना ही नहीं ब्राज़ील के राष्ट्रपति के साथ-साथ श्रीलंका ने भी भारत को धन्यवाद कहा।