कोरोनावायरस महामारी के बीच भारत के करीबी दोस्त कहे जाने वाले इजरायल ने कोरोना की वैक्सीन बनाने का दवा किया है। आपको बता दे की इजराइल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने ये दावा करा की उनके देश के शोधकर्ताओं ने इस महामारी का टीका बना लिया है। आपको बता दे की यह कोरोनावायरस का टिका जिस आधुनिक डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने बनाया है, वह इंस्टीट्यूट पूरी दुनिया में अपने कामों को गोपनीय रखने के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि यह इंस्टीट्यूट जैविक और रासायनिक हथियार और इनसे बचाव के लिए वीपन भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच पूरी दुनिया से छिपाकर बनाता है।
इंस्टीट्यूट ने टीका बनाने का किया दावा
इस डिफेंस इंस्टीट्यूट की स्थापना 1952 में हुई थी। कहा जाता है कि यह इंस्टीट्यूट चिकित्सा विज्ञान की तकनीकों और खतरनाक बीमारियों से बचाव पर काम करता रहता है। इजरायल में भी कोरोना की वैक्सीन और दवा बनाने का जिम्मा भी इसी इंस्टीट्यूट पर है। और अब इसी लैब ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर दिया है।
इजरायल के रक्षा मंत्री ने बताया की यह वैक्सीन मोनोक्लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के भीतर ही कोरोना वायरस का सफाया कर देती है।
ये इतना महत्वपूर्ण इंस्टिट्यूट है जिसका अंदाजा इस बात से आप लगा सकते है कि यह सीधे पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को रिपोर्ट करता है। चाहे कोई भी संकट हो यह इंस्टिट्यूट सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है।
जमीन के काफी अंदर है ये लैब
कहा जाता है की यह इंस्टिट्यूट मोसाद के लिए जहर तैयार करती है। इजरायल का डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट दुनिया के सबसे रहस्मय लैब में एक माना जाता है। कहा जाता है की यह लैब जमीन के काफी अंदर बनायी गयी है। और यह लैब चारों तरफ से कंक्रीट से घिरी है। इसके ऊपर से किसी विमान को गुजरने की इजाजत नहीं है।
इसके बम प्रूफ दरवाजे है और हाईटेक सुरक्षा इंतजाम है। इनकी दीवारों में सेंसर लगे हुए है। इसके साथ ही सुरक्षागार्ड की भरमार है। इंस्टिट्यूट के अंदर बिना कोडवर्ड और रेटिना की जांच के बिना कोई अंदर नहीं घुस सकता है। हर दिन कोड बदल दिया जाता है।