जैसा की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के डिग्री नहीं मिलेगी और UGC के पक्ष में बयान दे दिया है। इन सबके बाद अब राज्य सरकारें सोच रही है की परीक्षा कैसे कराने है? किस माध्यम से परीक्षा लिए जाएं? क्या ऑनलाइन मोड सही रहेगा या ऑफलाइन मोड को ही अपनाये? इसके साथ ही किस तरह के प्रश्न हो? पैटर्न कैसा हो परीक्षा का? इत्यादि पर चर्चा की गयी।
आपको बता दे की कई राज्य जैसे मध्य प्रदेश ,बिहार, ओडिशा, असम, राजस्थान जैसे राज्यों में बाढ़ की स्तिथि है।
तमिलनाडु
सूत्रों से पता चला है की तमिलनाडु में सभी वाईस चांसलर्स की मीटिंग हुई और ये निर्णय लिया गया की ऑनलाइन मोड को चुना जायेगा और जहां इंटरनेट की व्यवस्था नहीं होगी वहां ऑफलाइन की व्यवस्था के बारे में विचार किया जायेगा।
पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी ने बयान दिया है की एक्साम्स अक्टूबर में लिए जायेंगे परन्तु ये निश्चित नहीं है की UGC इस को मानेगा या नहीं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र विद्यार्थियों के लिए हर तरह के प्रयास कर रहा है। चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा है की एक्साम्स को पूरी सुरक्षा के साथ कराएं वो भी बिलकुल आसान तरीके से। इससे पहले ऑनलाइन मोड की बात सामने आयी थी। कल की मीटिंग के बाद कई चीज़ें और पता चलेंगी।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य में विश्वविद्यालय (AKTU) ने ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का विकल्प चुना है। विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से प्रैक्टिकल परीक्षा ली थी, लेकिन लिखित परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय ने ऑफ़लाइन परीक्षा लेने का फैसला किया।
आपको बता दे की कई सारे राज्यों ने UGC के फैसले का विरोध किया था की महामारी के समय परीक्षा कराना एक गलत फैसला है। राज्य ज्यादा से ज्यादा समय आगे बढ़ाने की मांग कर सकती है परन्तु एक्साम्स के बिना डिग्री नहीं दे सकती।