नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के द्वारा लिए गए हालिया "गलत कदम" ने घाटी के युवाओं को फिर से हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहां एक सार्वजनिक सभा में कहा की 2012, 2013 और 2014 में मुश्किल से ही कोई युवा हथियार का सहारा ले रहा था। 12-13 साल की अवधि में उग्रवाद में शामिल होने वाले पुरुषों की संख्या अब इन दिनों कुछ महीनों में मेल खा रही है।
उन्होंने ये कहा कि एक साल पहले उग्रवाद में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या एक महीने में जुड़ने वालों के समान है।
अब्दुल्ला ने कहा कि वो लोग कहते है की अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने से, जो लोग भारतीय प्रशासन के साथ विचलित थे, उन्हें पूरी तरह से देश के बाकी हिस्सों में आत्मसात कर लिया जाएगा। लेकिन मैं विश्वास के साथ कहना चाहूंगा कि इसके बाद, ये लोग और भी अधिक अलग-थलग हो जायेंगे।
उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के दृश्यमान विकास के बारे में पूछा। विकास के कार्य आखिर कहां हैं? एक वर्ष, तीन महीने का समय ऐसी परियोजनाओं पर आरंभ करने के लिए पर्याप्त है। हम हमेशा कहेंगे कि ये गलत सोचना था की अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। यह सबसे बड़ा गलत कदम है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जमीन पर सुरक्षित नहीं हैं।
अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान जाना चाहता है, तो उन्होंने 1947 में ऐसा किया होता। "कोई भी इसे रोक नहीं सकता था। लेकिन हमारा राष्ट्र महात्मा गांधी का भारत है, न कि भाजपा का।
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