गेट की इस साल विशेष गाइडलाइन्स आयी है जिसमे उन्होंने परीक्षा की तिथि बढ़ाने की बजाय कुछ सख्त निर्णय लिए है।इन गाइडलाइन्स में एक ऐसी गाइडलाइन्स है जो कोरोना के बढ़ाते संक्रमण की वजह से परेशानी का कारण बनी हुई है।आपको बता दे की गेट ने २०२२ के परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए है और परीक्षा तय समय पर ही होगी।
लेकिन इन सब के बावजूद विद्याथियों का गुस्सा, एक जारी की गयी गाइडलाइन पर उतरा जिसमे कहा गया था की "परीक्षा के दिन, उम्मीदवार में COVID लक्षण नहीं होने चाहिए, क्वारंटाइन में नहीं होना चाहिए और पिछले पखवाड़े (पिछली रातों ) के दौरान किसी भी COVID रोगी के निकट संपर्क में नहीं होना चाहिए।"
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सेंटर का करीब न होना
अब विद्यार्थी ये सुनकर परेशान है की क्या हो अगर वह किसी कारण से इस गाइडलाइन्स में असक्षम हुआ तो उसकी पूरे साल की मेहनत और समय बर्बाद हो जाएगा।कई विद्यार्थियों से हमने बात की और उनका कहना भी यही था इसके साथ ही कितने विद्यार्थियों ने बताया की उन्हें अपने घर से दूर परीक्षा सेंटर पर पहुंचना होता है इसके लिये उन्होंने भीड़ के संपर्क में आ कर संक्रमित होने का डर है।
परीक्षा तैयारी करते समय बीमार होने का डर
कई विद्यार्थियों ने बताया की उन्हें इस बात का डर सत्ता रहा है की वो जितनी मेहनत कर रहे है कही ऐसा न हो वो कोरोना की वजह से परीक्षा से वंचित रह जाए।कई विद्यार्थी कोरोना के समय परीक्षा की तैयारी में समस्या का भी मुद्दा रख रहे थे। उनका कहना था की परीक्षा की तैयारी में अगर कोरोना हो जाए तो काम से काम 10 दिन बर्बाद हो सकते है और परीक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
चुनाव का भी मुद्दा सामने रखा
कुछ विद्यार्थी ऐसे थे जिनके यहाँ चुनाव है उनका मानना इस गाइडलाइन्स की वजह से उन्हें क्वारंटाइन करना पड़ेगा अपने आप को और हो सकता है चुनाव में भी हिस्सा न ले।आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में 10 से चुनाव प्रारम्भ है।विद्यार्थी अपने परिवार वालों को भी चुनाव में सम्मिलित नहीं करना चाहते क्योंकि उनको दर है कही संक्रमित होने पर वह परीक्षा से वंचित न हो जाए।अब वक़्त ही बताता है आगे क्या होगा? लेकिन विद्यार्थी अभी भी परीक्षा का विरोध सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे है #postponegate2022 ट्रेंड करा कर।