Akshay Tritiya 2022: आज है अक्षय तृतीया का त्योहार, आइए जाने क्या दान करें और क्या है वर्जित

Ashutosh Jha
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वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है।  सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को मांगलिक कार्य और खरीदारी के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई को मनाई जाएगी।  इस दिन दान देने से घर परिवार में पुण्य फल की प्राप्ति होती है।  आइए हम आपको बताते हैं कि आप क्या दान करके किस तरीके का पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।

अक्षय तृतीय पर करें ये दान 

1. अन्न का दान - अक्षय तृतीया के दिन अन्न का दान किया जाता है, इससे परिवार हमेशा धन धान्य से संपूर्ण रहता है।
2. सोने - चांदी का दान - इस दिन सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, इसका दान अक्षय पुण्य प्रदान करता है।
3. गौ दान - अक्षय तृतीया पर गौदान अक्षय पुण्य देने वाला है  क्योंकि मान्यता है की गौमाता में देवताओं का वास है
4. गुड़ - घी और नमक का दान करना भी अच्छा माना गया है।
5. तिल और कपड़ों का दान - यदि आपके गृहस्थ जीवन में कोई परेशानी या क्लेश हैं तो अक्षय तृतीया पर तिल और कपड़ों का दान करें,इससे ये समस्याएं दूर हो जायेंगी।

अक्षय तृतीया के दिन  आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी होगी नहीं तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी, आइए जानते हैं  उन सावधानियों के बारे में- 

1. अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ श्री हरि की पूजा का भी विधान है और इनकी पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग अति आवश्यक है,  इसलिए सुबह नहाने के बाद तुलसी के पत्तों को तोड़े और उन्हें पूजा में प्रयोग करें। कुछ लोग अनजाने में सिर्फ माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं जोकि अशुभ परिणाम दे सकता है इसलिए माता लक्ष्मी के साथ नारायण का पूजन अवश्य करें।
2.  इस दिन घर में साफ सज्जा का ध्यान विशेष रूप से रखें,  घर में स्वच्छता और पवित्रता का ख्याल रखें,  जिससे माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न हो जाएं ।
3. अक्षय तृतीया के दिन खाली हाथ घर नहीं लौटना चाहिए,  अपने सुविधा अनुसार  सोने या चांदी का कोई आभूषण  या फिर कोई धातु से बनी छोटी-मोटी वस्तु घर लेकर आ सकते हैं।
4. इस दिन घर में घी के दिए जलाएं और कोशिश करें कि किसी भी कोने में अंधेरा ना रहे, पूरा घर प्रकाश से भरा रहे ।
5.  किसी भी पूजा पाठ में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है, इसीलिए अक्षय तृतीया के दिन ब्रम्हचर्य का नियमित रूप से पालन करें और सात्विक आहार ही लें।
पूजन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह सुबह 05:39 मिनट से दोपहर 12:18 मिनट तक रहेगा।

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