Also Read : मंगल ग्रह पर मिला यान का मलबा, वैज्ञानिकों ने कहा अब और ऐसे मिशन करेंगे
अमेरिका की साइंस-फिक्शन मूवी भारत में काफी प्रसिद्ध है। इनकी मूवीज में दिखाए गए गैजेट्स हो या हथियार एक से एक अकल्पनीय होतें है। जिन्हे देख के लगता है की ये सिर्फ फिल्मों में ही हो सकते है। असल जिंदगी में इस तरह के हथियार का होना मुश्किल है, लेकिन अमेरिका की एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक़ बहुत बड़ा खुलासा हुआ है।
इस खुलासे में पता चला है की अमेरिका में फिल्मों में दिखने वाली टेक्नोलॉजी पर रिसर्च हो रही थी। "स्टार वार्स" मूवी में प्लेनेट पर विस्फोट करने वाला दृश्य सबको अचंभित करता है लेकिन आपको बता दें की अमेरिका चाँद पर परमाणु विस्फोट करने वाला था, जिस पर अमेरिका ने भारी भरकम खर्च भी किया पर अंत में ये मिशन फेल हो गया। "इंडिपेंडेंस डे" मूवी में आप सब ने UFO देखे ही होंगे अमेरिका UFO से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर भी रिसर्च कर रहा था।
UFO से जुड़ी रिसर्च टेक्नोलॉजी पर हो रही थी
दस्तावेजों में ये दिया गया है की अमेरिका (एडवांस एयरोस्पेस थ्रेट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम) AATIP के तहत
UFO से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहा था। AATIP 2007 से लेकर के 2012 तक सक्रिय था। लोगों की इस पर नज़र तब पड़ी जब 2017 में इस प्रोग्राम के डायरेक्टर ने अपना इस्तीफा दे दिया। लेकिन अब 5 साल बाद ये राज़ बाहर निकला है।
फिल्मों की टेक्नोलॉजी को हकीकत में उतारना चाहता था
रिपोर्ट
को अगर देखें तो पता चलता है की एडवांस एयरोस्पेस वेपन्स सिस्टम एप्लीकेशन प्रोग्राम (AAWSAP) के तहत अमेरिका ऐसी टेक्नोलॉजी पर
काम कर रहा था जो सिर्फ हम फिल्मों में देखते है। इसमें चाँद पर परमाणु हमला
हो,एंटी ग्रेविटी टेक्नोलॉजी हो,टाइम ट्रैवेलिंग मशीन हो या फिर गायब
होने वाला कपड़ा हो इन सभी पर रीसर्च पर हो रही थी। लेकिन अमेरिका को इसमें
से एक भी टेक्नोलॉजी पर कामयाबी नहीं मिल पायी।
आखिर अमेरिका चाँद पर विस्फोट क्यों करना चाहता था ?
वाईस
मीडिया के अनुसार, अमेरिका चाँद पर विस्फोट करके सुरंग बनाना चाहता था
उसका मानना था की चाँद के बीचों-बीच बेहद हलके मेटलस मिल सकते है जो वजन
में धरती के स्टील से एक लाख गुना ज्यादा हलके हो सकते है, और ताकत में भी
कोई बदलाव नहीं आएगा जिसकी बात नेगेटिव मास प्रोपल्शन रिपोर्ट में की गयी है।