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भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च में राज्यों द्वारा किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त योजनाएं और पुरानी पेंशन बहाल करने पर अपनी चिंता जताई है। बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष की रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना ने कुल राजस्व प्राप्ति का 35% लोकप्रिय योजनाओं के लिए रखा। राज्य के कर राजस्व के हिसाब से यह 63 % तक है। यह लंबे समय तक नहीं चल सकता। साधनों से बाहर जाकर खर्च करना वित्तीय तबाही को न्योता दे सकता है।
बाकी राज्यों की अगर बात करें जिनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, केरल ने ऐसी योजनाओं के लिए 5-19% तक की राशि इस्तेमाल हो रही है। कर राजस्व के हिसाब से कुछ राज्यों के लिए यह 53 % तक है।रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण राज्यों की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है।
जिन 18 राज्यों का अध्ययन किया गया है उनमें औसत वित्तीय घाटा राज्य की जीडीपी का 4% तक पहुंच गया है। 7 राज्यों का घाटा बजट के लक्ष्य से अधिक हो गया है। इनमें बिहार झारखंड महाराष्ट्र राजस्थान जैसे राज्य शामिल है।