एक्सपर्ट्स कहते है की कुछ लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाते या पार्टीज में हिस्सा नहीं लेते जिससे संक्रमण का खतरा कम रहता है। कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है की जिन लोगों को कोरोना नहीं हुआ है उन लोगों ने सभी तरीके से कोरोना के बचने के तरीकों को अपनाया था, चाहे वो हाथ सैनेटाइज़ हो, मास्क पहनना हो या फिर सोशल डिस्टन्सिंग, इन सब कारणों से भी वह कोरोना से बचे रहे होंगे।
कुछ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता(immunity) बाकियों के मुकाबले काफी अच्छी होती है। जिसके कारण भी वह
कोरोना से बचे रहे होंगे। एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत सुरक्षा प्रदान करती है। जो रोगजनकों को किसी व्यक्ति के शरीर को संक्रमित करने से रोकती हैं और संक्रमण को भी रोक सकती हैं। एक जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली जो पहले से ही अन्य चिकित्सा स्थितियों या जीवनशैली कारकों जैसे नींद या आहार के कारण काम नहीं कर रही है, एक व्यक्ति का कोरोना से बीमार होने खतरा ज्यादा हो सकता है।ये भी हो सकता है की वैक्सीन ने बीमारी की फैलने की क्षमता को कम कर दिया हो जिसकी वजह से भी वह बचे रहे हों।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है की" ये भी हो सकता है की कुछ पहले से अन्य कोरोनावायरसों से संक्रमित हो चुके होंगे, जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को समान आकार के वायरस को याद रखने और उनसे लड़ने के लिए तैयार रखता है ।
इन सभी चीज़ों से ये अभी भी साफ़ नहीं हुआ है की कैसे कुछ लोगों ने कोरोना चखमा दिया ? क्योंकि इसका कोई दूसरा कारण भी जरूर होगा। दुनिया के वैज्ञानिक अभी भी कोरोना पर रिसर्च करने में लगे हुए है, हो सकता है हमे भविष्य में ये जानकारी मिल जाए। अभी तक सबसे अच्छा यही है की जिन्हे कोरोना नहीं हुआ है वह अपने आप खुशकिस्मत समझे और टीकाकरण अभियान में भाग ले।