China Leaked Audio Clip On Taiwan: लीक हुआ ऑडियो क्लिप, खुल गया चीन का "मिशन ताइवान" राज

Ashutosh Jha
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सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसने चीन की विस्तार वादी मंशा को पूरी दुनिया के सामने लाकर रख दिया ।

 

इस ऑडियो क्लिप में चीनी अधिकािरयों को ताइवान पर आक्रमण करने को लेकर चर्चा करते हुए सुना जा सकता है।  चीन में जन्मी मानवाधिकार कार्यकर्ता जेनिफर हेंग द्वारा ट्वीट किए गए एक वायरल ऑडियो क्लिप ने दुनिया में हलचल ही मचा दी है। इस ऑडियो को एक यूट्यूब चैनल LUDE मीडिया द्वारा पोस्ट किया गया है, जिसमें चीनी सेना के एक बड़े दल की 57 मिनट की एक लीक क्लिप रिकॉर्डिंग है।

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YouTube चैनल ने यह भी दावा किया है कि रिकॉर्डिंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही लीक की गई थी जो ताइवान पर शी जिनपिंग की सैन्य योजना का पर्दाफाश करना चाहते हैं। इस ऑडियो क्लिप में युद्ध की योजना के रोडमैप को लागू करने की सीपीसी और पीएलए के बीच कथित बातचीत को दिखाया गया है। हालांकि इस वायरल ऑडियो पर कोई जवाब नहीं आया है और ऐसी संभावना है कि ऑडियो ताइवान से लिया गया हो। यह वीडियो भी अभी तक सत्यापित नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसकी जांच की  जा रही है।


बैठक में किन बातों पर चर्चा हुई

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण रूप से ताइवान की सेना को नष्ट करने और युद्ध शुरू करने में संकोच न करने के बारे में बात हुई। इसके अलावा राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक प्रमुख रणनीतिक निर्णय पर चर्चा हुई। इस बैठक के दौरान एक संयुक्त नागरिक-सैन्य कमान खोलने की सिफारिश की गई थी।

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इस बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कथित तौर पर सूचीबद्ध कंपनियों को ड्रोन, नाव आदि बनाने के लिए उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की बात कही है। अधिकारियों को यह चर्चा करते हुए सुना जाता है कि चार कंपनियों जैसे झुहाई ऑर्बिटा, शेन्ज़ेन एयरोस्पेस डोंगफैंगहोंग सैटेलाइट कंपनी, फोशान डेलिया और जी हुआ प्रयोगशाला ने चार उपग्रह टुकड़ी का गठन किया।

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इस वायरल हुए क्लिप में अधिकारियों को बोलते हुए सुना गया की उनके पास कुल 16 लो-ऑर्बिट सैटेलाइट हैं, जिनमें 0.5 से 10 मीटर ग्लोबल रिमोट अल्ट्रा-हाई ऑप्टिकल रेजोल्यूशन सेंसिंग और इमेजिंग क्षमताएं हैं।" इस क्लिप में बताई बातों के अनुसार, पूर्वी और दक्षिणी युद्धक्षेत्रों द्वारा ग्वांगडोंग प्रांत को दिया गया कार्य कुल 20 श्रेणियों और 239 सामग्रियों से संबंधित है। इसमें 1 लाख 40 हजार सैन्यकर्मी, 953 जहाज, 1,653 मानव रहित उपकरण, 20 हवाई अड्डे और डॉक, छह मरम्मत और जहाज निर्माण यार्ड, 14 आपातकालीन स्थानांतरण केंद्र, और संसाधन जैसे अनाज डिपो, अस्पताल, रक्त स्टेशन, तेल डिपो, गैस स्टेशन आदि शामिल हैं। 

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ऑडियो क्लिप में आगे दावा किया गया है कि अधिकारियों ने पर्ल रिवर डेल्टा क्षेत्र (गुआंगज़ौ, शेनझेन, झुहाई, फोशान, डोंगगुआन, झोंगशान, हांगकांग और मकाऊ आदि सहित) की सुरक्षा को बनाए रखने पर जोर दिया क्योंकि यह यह घनी आबादी वाला है, जिसमें बहुत सारे उद्योगों की उपस्थिति है। 

ऑडियो क्लिप में कितनी सच्चाई है यह तो पता नहीं लेकिन इतना जरूर है कि अगर इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो उसमें चीन की  विस्तार वादी नीति के साक्ष्य मिलते हैं,  और हम भारतीयों को तो  इतिहास के पन्ने पलटने की जरूरत भी नहीं क्योंकि भारत खुद चीन की विस्तारवादी सोच का शिकार हो चुका है। हमारे देश में रह रहे तिब्बत के लोग चीन के मंसूबों का जीता जागता उदाहरण है। सबसे बड़ा डर बस इस बात का है कि कहीं यह विस्तार वादी विचारधारा पूरी दुनिया को विश्व युद्ध की ओर खींच कर के ना ले जाए।

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