देश की सुरक्षा के लिए अब कनाडा ने इन दो चीनी कंपनियों पर लगाया बैन

Ashutosh Jha
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ZTE

 
कनाडा सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए चीनी दूरसंचार कंपनियों हुआवेई (Huawei)  और जेडटीई (ZTE) को अपनी 5 जी को के आधार को विकसित करने पर प्रतिबन्ध लगा रही है।

विज्ञान और उद्योग मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन ने प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा, "आज, कनाडा सरकार हमारे दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।  उसी के मद्देनज़र, सरकार कनाडा की दूरसंचार प्रणालियों में हुआवेई (Huawei) और जेडटीई (ZTE) उत्पादों और सेवाओं को शामिल करने पर रोक लगाने का इरादा रखती है।  

उन्होंने आगे कहा कि "यह कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों की समीक्षा और उसके करीबी सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया फैसला है ।"

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उन्होंने ये भी साफ़ किया की, "कनाडा में काम करने वाली दूरसंचार कंपनियों को "अब हुआवेई (Huawei ) और जेडटीई (ZTE) द्वारा प्रदान किए गए उपकरण या सेवाओं का उपयोग करने की आज्ञा नहीं होगी और, जो कंपनियां पहले से ही अपने नेटवर्क में स्थापित इस उपकरण का उपयोग करती हैं, उन्हें इसका उपयोग बंद करने और इसे हटाने की आवश्यकता होगी।"

फाइव आईज ग्रुप ऑफ नेशंस यानि की यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड और कनाडा में एक कनाडा ही एकमात्र देश है  जिसने हुवावे पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। 

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सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मार्को मेंडोकिनो ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा "एक व्यापक समीक्षा के बाद कनाडा और हमारे दूरसंचार बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहे है। यह निर्णय कनाडाई लोगों के मूल्यों को दर्शाता है और हमारे फाइव आईज भागीदारों सहित हमारे निकटतम सहयोगियों के अनुरूप है।"

उन्होंने आगे कहा "21वीं सदी में साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है। और कनाडा के लोगों को बढ़ते साइबर खतरों से बचाना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। आज, हमने कनाडा की दूरसंचार प्रणाली से हुआवेई और जेडटीई को प्रतिबंधित करने के अपने इरादे की घोषणा की।"

यह घोषणा लंबे समय से लटकी हुई थी क्योंकि ओटावा तीन वर्षों से इस मामले की समीक्षा कर रहा था। कनाडा और चीन के बीच संबंध हाल के दिनों में खराब हुए हैं, क्योंकि हुआवेई (Huawei) के वरिष्ठ कार्यकारी मेंग वानझोउ को 2018 में वैंकूवर में ईरानी शासन पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए एक वित्तीय संस्थान को धोखा देने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

कुछ दिनों बाद, एक पूर्व राजनयिक सहित दो कनाडाई लोगों को चीन ने गिरफ्तार कर लिया था।  ट्रूडो ने इसे होस्टेज डिप्लोमेसी यानि "बंधक पर कूटनीति" के रूप में वर्णित किया।  1000 से अधिक दिनों तक कैद में रहने और जासूसी के आरोप के बाद, दोनों को पिछले साल सितंबर में रिहा कर दिया गया, जिसे कैदियों के आदान-प्रदान के रूप में देखा गया था और मेंग भी एक दलील के समझौते पर सहमत होने के बाद चीन वापस चला गया।

अगर भारत की बात करें तो पिछले साल ही भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने चीनी उपकरण निर्माता हुआवेई (Huawei) और जेडटीई (ZTE) को उसके 5जी परीक्षणों से बाहर कर दिया है, जो ऐसा करने वाला पहला देश था। मंत्रालय ने एरिक्सन, नोकिया और सैमसंग की नेटवर्क इकाई सहित एक दर्जन फर्मों को 5जी तकनीक का 6 महीने के लिए परीक्षण करने की अनुमति दी।

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