नई दिल्ली। कुछ दिनों से भारत में भाषाओँ को लेकर चल रहे बहस के बीच प्रधानमंत्री मोदी की आज टिप्पणी आई है। आज पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित किया था जिसमे उन्होंने इस मुद्दे पर प्रकाश डाला और कहा कि भाषा में विविधता तो देश का गौरव है, लेकिन इस पर विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा " साथियों भाजपा ही है जिसने भारतीय संस्कृति और भाषा विविधता को भारतीय स्वाभिमान से जोड़ा। नई एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देना हर क्षेत्र में भाषा के प्रति हमारे कमिटमेंट को दिखाना। भाजपा भारतीयों की भाषाओं को भारतीयता की आत्मा मानती है और राष्ट्र के बेहतर भविष्य की कड़ी मानती है।"
उन्होंने आगे कहा "इसका जिक्र आज मैं विशेष तौर पर इसलिए कर रहा हूं क्योंकि बीते कुछ समय से भाषा के आधार पर नए विवाद खड़े करने की कोशिश की जा रही है। मै समस्त देशवासियों को निरंतर सतर्क करना चाहता हूं भाजपा हर भारतीय भाषा में भारतीयता कि प्रतिबिंब देखती है और हर भाषा को पूजनीय मानती है।"
आखिर प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर क्यों बात करनी पड़ी ?
पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा को लेकर बयान दिया था। उसके कुछ दिन बाद अजय देवगन और किच्चा सुदीप के बीच भाषा को लेकर तर्क -वितर्क हुआ था। इसके बाद कई और नेताओं ने भी इस पर बयान दिया। सोनू निगम से भी मीडिया ने भाषा विवाद पर टिपण्णी देने के लिए बोला। संजय राउत ने भी हिंदी भाषा को लेकर अपनी राय रखी। इस तरह कुछ समय से भाषा को लेकर बयान बाज़ी हो रही थी।