सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को हटाने के टाटा समूह के फैसले को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत के 26 मार्च, 2021 के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली शापूरजी पल्लोनजी समूह की याचिका खारिज कर दी।
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उद्योगपति रतन टाटा ने ट्वीट किया, "हम आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित और बरकरार रखे गए फैसले की सराहना करना चाहते हैं। यह हमारी न्यायपालिका की मूल्य प्रणाली और नैतिकता को मजबूत करता है।"
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आखिर टाटा-मिस्त्री केस है क्या ?
बात ये थी की मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टीएसपीएल का अध्यक्ष बनाया गया था पर 24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटा दिया गया था और उन पर आरोप लगाया गया की वह घाटे में चल रही विदेशी कंपनियों में समूह की हिस्सेदारी को बेच रहे थे, जिसमें रतन टाटा ने निवेश किया हुआ था। जिसके खिलाफ टाटा सन्स सुप्रीम कोर्ट गई थी। टाटा समूह ने कहा था की मिस्त्री का काम करने का तरीका उनके मूल्यों से मेल नहीं खाता, इसी आधार पर उन्हें हटा दिया गया था। ये मामला बीते साल 2019 में 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट गया था।
We would like to express our grateful appreciation of the judgement passed and upheld by the Supreme Court today.
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) May 19, 2022
It reinforces the value system and the ethics of our judiciary.