राहुल गांधी ने शुक्रवार को लंदन में "आइडियाज फॉर इंडिया" सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि उन्हें यूरोपीय ब्यूरोक्रेट्स द्वारा बताया गया कि "भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) पूरी तरह से बदल चुकी है और वे लोग कुछ भी नहीं सुनते हैं इतना ही नहीं वे अभिमानी भी हैं"।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट करते हुए इसका जवाब दिया की भारतीय विदेश सेवा (IFS) बदल गई है, लेकिन यह आत्मविश्वास और दूसरों के तर्कों का जवाब देने के बारे में अधिक है।
Yes, the Indian Foreign Service has changed.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 21, 2022
Yes, they follow the orders of the Government.
Yes, they counter the arguments of others.
No, its not called Arrogance.
It is called Confidence.
And it is called defending National Interest. pic.twitter.com/eYynoKZDoW
राहुल गांधी ने सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी "ध्रुवीकरण और मीडिया के कुल वर्चस्व" के कारण सत्ता में बनी हुई है। उन्होंने यह भी कह दिया कि भारत उन संस्थानों पर हमले देख रहा है जिन्होंने देश का निर्माण किया था।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत में लोकतंत्र को वैश्विक जनता की भलाई के रूप में वर्णित किया था। इसके बाद उन्होंने एक बहुत बड़ी बात बोली उन्होंने कहा “हम सिर्फ भाजपा से नहीं लड़ रहे हैं। यह अब केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं है। मीडिया पर बीजेपी का शत-प्रतिशत नियंत्रण है। कांग्रेस भारत को फिर से हासिल करने के लिए लड़ रही है। यह अब एक वैचारिक लड़ाई है, एक राष्ट्रीय वैचारिक लड़ाई।"
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