इसी बीच उन्होंने ट्वीट कर के एक वीडियो साझा की जिसमें एक पुलिसवाले ने डंडे से कुछ लोगों को मारता हुआ नज़र आ रहा है। कहा जा रहा है ये वीडियो दंगा के बाद पुलिस अरेस्ट का है।
इसके बाद उन्होंने उसमें लिखा "उत्तर प्रदेश के उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इक़बाल।" इसके बाद उन्होंने कुछ पॉइंट साझा किये जो निम्नलिखित है :
- यूपी हिरासत में मौतों के मामले में न. 1
- यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल
- यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर के कहा की ये कहाँ का इंसाफ़ है कि "जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जाँच पड़ताल बुलडोज़र से सज़ा दी जा रही है।" उन्होंने आगे जोड़ा की "इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।"
मेरठ में बीजेपी नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी अखिलेश यादव को घेरते हुए अपना बयान दे डाला और कहा "यूपी दंगा मुक्त राज्य है।" उन्होंने आगे कहा "दंगा भड़काने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद मौर्या कहते है "सपा प्रमुख अखिलेश यादव को दंगा भड़काने वालों को दी गई सजा को देखकर दुख होता है, लेकिन पुलिस पर पथराव और क्षतिग्रस्त दुकानों पर नहीं।"