सेना में भर्ती को लेकर के और अग्निपथ इस स्कीम की वापसी को लेकर किए जा रहे इस प्रदर्शन ने अपनी सभी हदों को पार कर लिया है।
इन्हीं सब चीजों के बीच तीनों सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि जो छात्र हिंसक प्रदर्शन में शामिल है क्या उन्हें सेना में भर्ती का मौका दिया जाएगा तो सुनिए उस पर क्या उत्तर दिया गया।
सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा "अनुशासन भारतीय सेना की नींव। आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता। "
उन्होंने आगे ये भी कहा की "और यदि उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे शामिल नहीं हो सकते...उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा। "
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने आगे कहा "हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं है। "