पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार एंटी अमेरिका बात किए जा रहे हैं। वह अपनी आवाज से आवाम को यह बताने में लगे हुए हैं कि कैसे अमेरिका अपने मतलब के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका से अपने तालुकात खराब नहीं करने चाहिए।
लेकिन क्या टिशू पेपर की तरह से इस्तेमाल होना भी ठीक है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका चाहता है की इस्राइल को पाकिस्तान मान्यता दें। कश्मीर के मुद्दों को भूल जाए। हालांकि इमरान को समझना चाहिए कि कश्मीर भारत का ही है और हमेशा रहेगा।
जो तुम्हारा नहीं उसके सपने क्यों देखते हो। इमरान खान सिर्फ और सिर्फ अपनी छवि को आवाम में बनाए रखने और अपनी सत्ता वापस पाने के मंसूबे से यह सारी बातें बोल रहे हैं। कुर्सी जाने के बाद भी इमरान को यह समझ नहीं आया कि सत्ता कश्मीर कश्मीर करने से नहीं बल्कि अपने आवाम का भला सोचने से मिलेगी।