आपने जर्मनी वाली वीडियो देखी होगी जिसमें पीएम मोदी का किस तरह स्वागत किया गया था, जब वह G7 सम्मिट के लिए जर्मनी पहुंचे थे। अब आपको हम बताते हैं कि जब पीएम मोदी इसके बाद यूएई पहुंचे तो क्या हुआ? आप यह देख कर हैरान हो जाएंगे कि स्वयं यूएई के राष्ट्रपति पीएम मोदी से मिलने एयरपोर्ट पहुंचे और उनका स्वागत किया।
जिस तरह यूएई ने भारत को सम्मान दिया वह सम्मान जर्मनी ना दे पाया। यूएई को अपने मेहमानों से किस तरह व्यवहार किया जाता है यह बेशक अच्छे से आता है परंतु जर्मनी इसमें पीछे रह गया। आप ऊपर दिए गए वीडियो में देख सकते हैं कि किस तरह जर्मनी ने स्वागत किया और किस तरह यूएई ने सम्मान देकर स्वागत किया।
सबसे बड़ी बात यूएई के राष्ट्रपति खुद चलकर मोदी जी को लेने आए। इससे सिर्फ स्वागत नहीं बल्कि एक भव्य स्वागत कह सकते हैं। जर्मनी को सोचना चाहिए था कि नरेंद्र मोदी से एक प्रधानमंत्री नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ लोगों के प्रतिनिधि हैं। जर्मनी को यूएई से सीखने की जरूरत है कि अपने यहां आए हुए मेहमान का स्वागत किस तरह से किया जाता है।
अभी कुछ महीने पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें यह कहा गया था कि जर्मनी नहीं चाहता कि भारत G7 सम्मिट में आए। पीएम मोदी जी-सेवन सम्मिट में न होंगे इसके लिए इस रिपोर्ट में कई कारण दिए गए।
सबसे
पहला कारण रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत ने कभी भी रूस की निंदा नहीं की।
जिस वजह से जर्मनी भारत से चिढ़ा हुआ है दूसरा पूरा यूरोप भारत पर रशिया के
सपोर्ट का ब्लेम डालने में लगा था, लेकिन हमारे एस जयशंकर साहब ने कई बार
यूरोप को एक्सपोज किया ।एक तरीके से भारत ने यूरोप को आइना दिखाना शुरू
किया जिसे जर्मनी भारत से गुस्सा हो गया। उसके बाद जब यह रिपोर्ट वायरल हुआ
तब जाकर जर्मनी ने यूएसए के प्रेशर के अंदर भारत को आमंत्रित किया।