तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एसएसबी सहित सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा, कश्मीर में पहले से मौजूद भारतीय सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ की तैनाती लगायी गई है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उपराज्यपाल ने इस अवसर पर तीर्थयात्रियों की शांति, समृद्धि और सुरक्षित आध्यात्मिक यात्रा के लिए प्रार्थना की।
सुरक्षाबलों द्वारा यात्रा के सभी मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर चौबीसों घंटे पेट्रोलिंग की जाएगी। राजमार्ग मार्गों पर ड्रोन और सीसीटीवी की मदद से हवाई निगरानी की गई है।
यात्रियों को प्रशासन द्वारा रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफआईडी) टैग प्रदान किए जाते हैं ताकि वास्तविक समय पर नज़र रखी जा सके और निगरानी की जा सके। जिन लोगों को जम्मू में टैग प्रदान नहीं किया गया, उन्हें कश्मीर आधार शिविरों में टैग दिए जाएंगे। जम्मू और कश्मीर सरकार ने आगंतुकों को उचित यात्रा संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए 24×7 सूचना सहायता डेस्क भी स्थापित की है।
43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को कश्मीर आधार शिविर से शुरू होगी। यात्रा का समापन 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर होगा।