महाराष्ट्र में राजनीति और भी ज्यादा गहराती जा रही है। एक तरफ गुवाहाटी में विधायकों की भीड़ लगती जा रही है, वह खुद को बाला साहब की शिवसेना बता रहे हैं। और दूसरी तरफ पार्टी हाथ से निकलने का डर सता रहा है। डर इतना बढ़ गया है कि तरह-तरह की धमकी वाले बयान दिए जा रहे हैं।वीडियो में सुनिए यह बयान।
जैसा कि आपने सुना संजय रावत का यह वक्तव्य हताशा की निशानी है। कोई सीनियर लीडर कैसे ऐसा कह सकता है कि भड़क गए तो आग लग जाएगी अरे आपको तो कहना चाहिए कि हर हालत में महाराष्ट्र में स्थिति कंट्रोल में रहेगी। हमारे पाले में आ जाएंगे, अगर नहीं आए तो उसके बाद जो होगा वह जिम्मेदारी किसकी क्या पाले में नहीं आना लोगों को आग लगाने का लाइसेंस दे देगा।
जो लोग छोड़ कर गए वह नाराज हैं, कारण जो भी हो लेकिन क्या इसके लिए स्टेट में आग लगाना ठीक है? और यही नही संजय रावत ने एक सिग्नल देवेंद्र फडणवीस जी को भी दिया वीडियो में आपने सुना ही होगा उन्होंने क्या कहा जब सत्ता पक्ष का बहुमत डगमगा रहा हो तो क्या विपक्ष अपनी संभावनाओं की तलाश नहीं करेगा? यही तो लोकतंत्र की खासियत है जिसके पास नंबर होगा, वह सत्ता में बैठेगा और जिसके विधायक जा रहे हैं, वह सत्ता से भी जाएंगे।