Hindu Lives Matter : एजेंडा बड़ा या इंसानियत

Abhishek Jha
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#HinduLivesMatter  इसका मतलब है कि हिंदुओं का जीवन भी मायने रखता है। ट्विटर पर यह #trend कर रहा है,  सभी लोग अपनी तस्वीर के साथ इसे ट्विटर पर पोस्ट कर रहे हैं। लेकिन इस तरह के हैशटैग की  आखिर जरूरत क्यों पड़ी। क्या  वजह है कि लोग इसे पोस्ट कर रहे हैं। तो आपको बता दें किसकी वजह है कन्हैया लाल साहू।

 एक आम हिंदू जो मेहनत करके अपना घर चला रहा था उसको मार दिया गया वह भी बहुत बेरहमी से। हद तो तब हुआ जब इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया। वीडियो बनाने का मकसद सिर्फ एक था वह है दहशत फैलाना। पूरे देश के हिंदुओं को यह मैसेज देना कि ऐसा भी हो सकता है। सवाल यह उठता है कि आखिर कन्हैया लाल साहू को मारने की वजह क्या थी?

 तो वजह थी कन्हैया लाल साहू का हिंदू होना। धर्म की वजह से बलि  चढ़ गए कन्हैया लाल। अगर हिंदू नहीं होते तो हो सकता है बच जाते।  1 मिनट के लिए सोच कर देखिए अगर यह समीकरण उल्टा होता तो अब तक ना जाने कितने लोग अवार्ड वापस कर चुके होते, ना जाने कितने ही पार्टियां उदयपुर में अपना डेरा जमा चुकी होती,  यूएन और यूएसए ह्यूमन राइट्स पर हमें लेक्चर देते और दुनिया के कहीं और देश भारत की निंदा करते। यानी मिलाजुला करके हर तरफ भारत का विरोधी होता।

 लेकिन एक हिंदू मरा है तो सब  शांत हैं… पिन ड्रॉप साइलेंस. और बॉलीवुड को कैसे भूल जाए अब तक यह बोलने वाले कितने आ जाते कि “भारत में डर लगता है” “ डर का माहौल है” और वगैरा-वगैरा।  लेकिन यहां सबको सांप सूंघ गया है।  क्योंकि एक हिंदू की हत्या उनके एजेंडे को सूट नहीं करता।

 इंसानियत पर धर्म भारी हो गया है। ऐसे यही लगता है ऐसे लोगों के लिए इंसानियत कोई चीज नहीं एजेंडा सबसे ऊपर है।  वह तो भला हो हमारे देश के कानून का जो इतना मजबूत है की हर अपराधी को उसके अपराध का दंड देने में सक्षम है। 

आपको क्या लगता है यह #HinduLivesMatter कौन चला रहा है, एक आध को छोड़ दें तो कोई बड़ा नाम नहीं है, आम जनता है जिसे लग रहा है कि जो कन्हैया लाल के साथ हुआ गलत हुआ। हम आखिर में यही कहेंगे कि हर इंसान एक जैसा नहीं होता है, देश में शांति बनाए रखें, जिसने यह किया है उसे कानून नहीं छोड़ेगा। हमारी एकता ही हमारी ताकत है।

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