जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे देश में आए दिन पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं। आपराधिक मानसिकता के लोग आमजन को अपनी बातों से बहकाते हैं जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं। पहले वह लोग बहकावे में आकर के गलतियां कर लेते हैं फिर जब पुलिस का डंडा पड़ता है तब जाकर के गलती का एहसास होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि पत्थरबाजी की घटना सिर्फ अपने देश में ही होती हैं, एक पत्थरबाजी की घटना स्पेस में भी हुई है…. जी हां सही सुना आपने अंतरिक्ष में हुई है पत्थरबाजी की घटना, हालांकि इससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ लेकिन घटना तो घटना है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है…
दरसल, नासा ने कुछ महीनों पहले अपना एक टेलिस्कोप लांच किया था जिसका नाम है जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप। खबर सामने आ रही है कि कई सूक्ष्म उल्का पिंड नासा के इस टेलिस्कोप से टकराए जिसकी वजह से इसके कुछ हिस्से प्रभावित हुए। लेकिन इस घटना से अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा बेफिक्र नजर आ रही है।
अपने बयान में, मैरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वेब ऑप्टिकल टेलीस्कोप एलिमेंट मैनेजर ली फीनबर्ग ने कहा, "वेब टेलिस्कोप के दर्पणों का अंतरिक्ष के संपर्क में आने से, हमें उम्मीद थी कि कभी-कभी उल्का पिंड प्रभाव समय के साथ दूरबीन के प्रदर्शन को कम कर सकते हैं। लॉन्च के बाद से, हमारे पास है चार छोटे मापन योग्य उल्का पिंड स्ट्राइक हुए थे जो उम्मीदों के अनुरूप थे, और यह हाल ही में जो उल्का पिंड टकराया वह हमारी सोच से बड़ा था।"
बयान में कहा गया है कि टेलिस्कोप के 18 पीस गोल्ड प्लेटेड हेक्सागोनल प्राइमरी मिरर का सी3 सेगमेंट प्रभावित हुआ है। नासा ने कहा कि दूरबीन अभी भी ठीक से काम करेगी। नासा गोडार्ड के तकनीकी उप परियोजना प्रबंधक पॉल गेथनर ने कहा, "हम हमेशा से जानते थे कि वेब टेलिस्कोप को अंतरिक्ष पर्यावरण प्रभावित करेगा, जिसमें कठोर पराबैंगनी प्रकाश और सूर्य से आवेशित कण, आकाशगंगा में विदेशी स्रोतों से ब्रह्मांडीय किरणें और भी कई चीजें शामिल हैं। हमने वेब टेलिस्कोप को बहुत अच्छे से डिजाइन करके बनाया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह अंतरिक्ष में कई वर्षों के बाद भी अपने महत्वाकांक्षी विज्ञान मिशन को पूरा कर सके।"