बात कुछ ऐसी है कि एक विज्ञापन है जिसमें एक सैन्य अधिकारी को अपने नौकर को खाना लाने के लिए बोलते हुए दिखाया जा रहा है। लेकिन नौकर खाना लेकर नहीं आता है इसके बाद वह सैन्य अधिकारी तीन से चार बार उसका नाम लेकर चिल्लाते हैं और उसे खाना लाने के लिए कहता है, लेकिन वह नहीं लाता है। इसके बाद जब वह सैन्य अधिकारी उठकर उस किचन में जाता है तो उसे पता लगता है कि नौकर उस खाने को खा रहा है इसे देखकर सैन्य अधिकारी गुस्सा हो जाता है और अपना गन उठाता है और उस पर हमला करने की कोशिश करता है। इसके बाद वे नौकर उस सैन्य अधिकारी से बचने की कोशिश भी करता है।
संसद में इसी विज्ञापन को लेकर संज्ञान लेने की बात कही गयी। ये भी कहा गया की इस तरह के विज्ञापन सर्वोच्च बलिदान देने वालों का उपहास करते हैं जो की उचित नहीं है। और इस पर तुरंत कार्रवाई किए जाने की मांग की गई।