जम्मू-कश्मीर। आज कल धर्म (यहां इसका मतलब मजहब या रिलिजन है) के नाम पर मौसम काफी गरम है। इसी बीच अब फ़ारूक़ अब्दुल्ला का भी एक बयान सामने आया है। पत्रकारों के एक साझा वार्ता के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा की "पहलगाम के एक मुसलमान ने उस गुफा (अमरनाथ गुफा) में लिंगम देखा था और उसने कश्मीरी पंडितों को सूचित किया।
उन्होंने आगे कहा की "कभी किसी मुसलमान ने किसी धर्म के खिलाफ उंगली नहीं उठाई। हां, 90 के दशक में एक लहर थी लेकिन यह कहीं और से आई थी।आप ऊपर वीडियो में उनका पूरा बयान सुन सकते हैं।
इस बयान पर कुछ ट्विटर वेरिफाइड यूजरस ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है उनमे से एक यूजर ऋषि बग्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा "इस नकली कहानी का पन्द्रहवीं बार भंडाफोड़ हो चुका है फिर भी यह वापस आती है।"
एक और वेरिफाइड यूजर आदित्य राज कॉल ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा "फारूक अब्दुल्ला, फेक न्यूज फैलाना बंद करो। इतिहास पढ़ें। अमरनाथ गुफा की उत्पत्ति प्राचीन है। पढ़ें नीलमत पुराण, राजतरंगिणी। अपने क्लास टीचर और मेरे परदादा मास्टर संसार चंद कौल - अमरनाथ की रहस्यमयी गुफा को पढ़ें। यह कई सदियों पुराने तीर्थ हैं।"
आपको बता दें की अमरनाथ गुफा जम्मू और कश्मीर में एक हिंदू मंदिर है और सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है। गुफा लिद्दर घाटी में स्थित है और गर्मियों में एक संक्षिप्त अवधि में तीर्थयात्रियों द्वारा इसका दौरा किया जा सकता है नहीं तो वर्ष के अधिकांश समय ग्लेशियरों और पहाड़ों से घिरी रहती है। अभी अमरनाथ यात्रा चल रही है।