तो इस लिये बृहस्पति के पास शनि जैसे रिंग्स नहीं हो सकते

Ashutosh Jha
0

 


 

हमारे सौर मंडल के बाकी ग्रहों में से शनि ग्रह को जो सबसे अलग बनाता है, वह है शनि के चारों और की रिंग्स। ये छल्ले जैसी दिखने वाली आकृति इतनी मुख्य है की वे आम दूरबीनों से भी दिखाई देते हैं। इन्ही रिंग्स या छल्लों के कारण शनि का एक अलग रूप दिखता है। लेकिन सभी ग्रहों में भी ऐसी अंगूठी क्यों नहीं है? क्या शनि हमारे सौरमंडल का एक विशाल ग्रह है इसलिए उसमे ये रिंग की आकृति बनी है लेकिन बड़ा तो बृहस्पति भी है, वास्तव में बृहस्पति शनि से बड़ा है, तो उसके पास शनि जैसे छल्ले क्यों नहीं हैं?

एक हालिया अध्ययन जो की कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड (यूसीआर) के द्वारा किया गया जिसका नेतृत्व यूसीआर एस्ट्रोफिजिसिस्ट स्टीफन केन ने अपने छात्र के साथ किया। उन्होंने एक सिमुलेशन चलाया। इस सिमुलेशन में उन्होंने बृहस्पति के चार चंद्रमाओं की कक्षाओं और ग्रह की कक्षा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ग्रह के चारों ओर छल्ले बनाने में कितना समय लगता है।  इससे उन्होंने पता लगाने की कोशिश की कि बृहस्पति के पास शनि जैसे छल्ले क्यों नहीं हैं। इस अध्ययन के निष्कर्ष को  प्लैनेटरी साइंस जर्नल में रिपोर्ट किया गया है।

शोध में पाया गया की बृहस्पति के चंद्रमा के कारण उसके शनि के समान रिंग्स नहीं बन सके थे। बृहस्पति के चार मुख्य चंद्रमा हैं जिनकी खोज गैलीलियो ने की थी।

शोध में ये कहा गया की बृहस्पति के गैलीलियन चंद्रमा, जिनमें से एक हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है, बहुत जल्दी किसी भी बड़े छल्ले को नष्ट कर देगा जो बन सकता है।

इस शोध के आधार पर हमे ज्ञात होता है कि बृहस्पति के पास अतीत में भी शनि जैसे छल्ले नहीं थे जिसका कारण बृहस्पति के चन्द्रमा को कहा बताया जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accepted !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top