दुनिया के सबसे ताकतवर देश में हिंदुओं की आस्था के प्रतीक मंदिरों की संख्या में लगातार विस्तार हो रहा है। इस देश की गलियों में भजन कीर्तन के स्वर गूंजते रहते हैं। भारत में तो यह चीज आम है लेकिन इस देश में ऐसा पहले नहीं होता था। यह देश है अमेरिका। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हिंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिस वजह से मंदिरों की संख्या भी बढ़ रही है ऐसा कोई राज्य नहीं जहां पर 6 से 7 मंदिर ना हो।
अमेरिका में भारत रेखा इस किताब के मुताबिक 2006 में अमेरिका में 53 मंदिर थे। 2017 में यह संख्या बढ़कर 250 हो गई। और 2022 में मंदिरों की संख्या बढ़कर के 7:30 तो हो गई पूर्णविराम बीते 5 सालों में 200% की वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा वृद्धि बीते 5 सालों में हुई है।
मंदिरों की बढ़ती संख्या संकेत दे रही है कि लाखों हिंदुओं ने अमेरिका को अपना घर बना लिया है। हिंदुओं की बढ़ती संख्या का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि न्यूयॉर्क में एक सड़क का नाम गणेश टेंपल स्ट्रीट रखा गया है। भारत में ऐसा कुछ कर दें तो हाय तौबा वाली नौबत आ जाएगी।
जानकारी के अनुसार अमेरिका में पहला मंदिर खोलने का श्रेय वेदांत सोसाइटी को जाता है जिन्होंने सैन फ्रांसिस्को में 1905 में पहला मंदिर बनवाया था। आपको बता दें कि वेदांता सोसायटी की स्थापना स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा किया गया था।
शिकागो में अपना प्रसिद्ध भाषण देने के पश्चात उन्होंने न्यूयॉर्क और सन फ्रांसिस्को में वेदांत सोसाइटी की स्थापना किया था। अमेरिका में बढ़ते मंदिर सिर्फ इस ओर संकेत करते हैं कि लोग अपने देश से दूर रहकर भी अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहते हैं।