सावन एक बड़ा पवित्र महीना है। इस समय भक्त विशेष रूप से महादेव को जल चढ़ाते हैं। सोमवार का दिन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। खासकर पहला सोमवार जिसमें महादेव के मंदिरों में काफी ज्यादा भीड़ होती है। भक्त महादेव को जल और दूध अर्पित करने के लिए लालायित होते हैं। देवघर जोकि एक काफी पवित्र स्थल है हिंदुओं के लिए वहां तो काफी ज्यादा भीड़ होती है।
कावड़ यात्री वहां पर महादेव को जल अर्पित करने के लिए आते हैं। देवघर के पास एक शिवगंगा का स्थान है जहां लोग जरूर जाते हैं। देवघर मे बाबा को जल चढ़ाने से पहले शिव गंगा में स्नान करके जाते हैं। शिवगंगा के बारे में पौराणिक कथा प्रचलित है। जब रावण भगवान शिव के शिवलिंग को लेकर लंका की तरफ जा रहे थे रास्ते में उनको लघु शंका लगी। उन्होंने बैजू को जो कि भगवान विष्णु के रूप में भी कहे जाते हैं को शिवलिंग पकड़ा कर लघुशंका करने के लिए चले गए।
लघु शंका करने के बाद उनको नहाकर पवित्र होना था लेकिन वहां पर जल नहीं होने के कारण रावण ने मां गंगा का आवाहन किया। माँ गंगा वहाँ आई और रावण ने नहाकर अपने आप को पवित्र किया। सरोवर को शिवगंगा कहते हैं।