Chhattisgarh News: सीएम योगी की राह पर सीएम भूपेश भी लेकिन..

Ashutosh Jha
0
 
छत्तीसगढ़ | यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह ही छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी शहरों के नाम बदलने की राह पकड़ ली। लेकिन बात सिर्फ नाम बदलने की नहीं है नाम को बड़ा करने की है।
 
आपको बता दें की सीएम भूपेश बघेल के आदेश पर चांदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चांदखुरी होगा। यहां है दुनिया का एकमात्र कौशल्या मंदिर। यात्रा पर्यटन सर्किट में चांदखुरी श्रीराम वनपथ भी शामिल है। गिरौदपुरी को अब बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से जाना जाएगा। सतनाम पंथ के अनुयायियों की आस्था का महान केंद्र गिरौदपुरी है। शहीद वीरनारायण सिंह धाम को सोनाखान के नाम से जाना जाएगा। सोनाखान 1857 के विद्रोह में छत्तीसगढ़ के पहले शहीद वीर नारायण सिंह का जन्मस्थान है।

इस वजह से बदला नाम
 
विश्व का एकमात्र कौशल्या मंदिर रायपुर से सटे चांदखुरी में स्थित है। वहां भगवान श्री राम अपने बाल रूप में माता कौशल्या के साथ विराजमान हैं। छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का जन्मस्थान और श्री राम का 'ननिहाल' माना जाता है। राज्य सरकार ने तालाब के बीच में स्थित माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार कर तालाब का सौंदर्यीकरण भी किया है। देश और प्रदेश के लाखों लोगों के सम्मान के केंद्र चांदखुरी का यह जीर्णोद्धार श्री राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत किया गया। यहां तालाब के पास भगवान श्री राम की विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र है। यह बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि और तपोभूमि है। सतनामी समाज और यहां के स्थानीय लोग लंबे समय से गिरौदपुरी का नाम बदलकर बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा कर दिया है। 

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सोनाखान क्षेत्र शहीद वीर नारायण सिंह की वीरता के लिए जाना जाता है, जो 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के पहले शहीद थे। अंग्रेजों द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें 10 दिसंबर 1857 को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर फांसी दी गई थी। शहीद वीर नारायण सिंह के गरीबों और शोषितों के संघर्ष और बलिदान का सम्मान करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि लंबे समय से शहीद वीर नारायण सिंह का नाम सोनाखान क्षेत्र के नाम पर जोड़ने की मांग कर रहे थे। अब जनभावना के अनुरूप क्षेत्र का नाम बदलने से बिंझवार जनजाति के शहीद वीरनारायण सिंह की वीरता और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।(द न्यूज़ इंडिया के इनपुट्स)
 
सोशल मीडिया लोगों ने क्या कहा?
सोशल मीडिया पर इसको लेकर मिश्रित विचार थे। कुछ ने इस निर्णय का स्वागत किया। जबकि कुछ लोगों ने इस निर्णय का मजाक या विरोध जताते हुए ये कहा की इतने बड़े नाम शहरों के कौन रखता है। 
 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accepted !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top