Shocking Fraud Revealed: 70 वर्षीय बुजुर्ग से 5.35 करोड़ की ठगी!

NCI


 

यह घटना  एक 70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति के साथ हुई धोखाधड़ी को उजागर करती है, जो एक महिला द्वारा किए गए जालसाजी के षड्यंत्र का शिकार हो गए। यह महिला खुद को एक एनआरआई (NRI) के रूप में पेश करती थी और बुजुर्ग व्यक्ति का विश्वास जीतने के लिए उसने दोस्ती का सहारा लिया। यह घटना उस हद तक पहुँच गई कि बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी मेहनत की कमाई से 5.35 करोड़ रुपये, जो कि कुल 29 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए, गंवा दिए।

महिला ने खुद को एक सशक्त और भरोसेमंद इंसान के रूप में पेश किया, जिससे बुजुर्ग व्यक्ति ने न केवल उसे अपना दोस्त मान लिया बल्कि उस पर आंख मूंद कर विश्वास भी कर लिया। महिला की चालाकी और बातचीत के तरीके ने बुजुर्ग को यह यकीन दिला दिया कि वह उनकी सच्ची मित्र है और उनकी मदद करने के लिए उनके जीवन में आई है। उसने बुजुर्ग के साथ बातचीत के दौरान ऐसे जाल बिछाए जो उनकी भावनाओं और उनकी जीवनभर की बचत को निशाना बना सके।

महिला ने बातचीत के दौरान ऐसी कहानियां सुनाईं और ऐसे वादे किए जो किसी भी इंसान का दिल जीत सकते हैं। उसने बुजुर्ग व्यक्ति को यह यकीन दिलाया कि वह विदेश में रहकर बड़ी संपत्ति और रुतबा रखती है। धीरे-धीरे उसने उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की और यह जानने की कोशिश की कि उनके पास कितनी संपत्ति है। बुजुर्ग व्यक्ति, जो शायद अकेलापन महसूस कर रहे थे, महिला की बातों में आ गए और उसे अपनी जरूरतों और समस्याओं के बारे में बताने लगे।

धीरे-धीरे महिला ने यह जताना शुरू किया कि उसे कुछ आर्थिक मदद की जरूरत है, लेकिन उसने इसे इतनी चतुराई से पेश किया कि बुजुर्ग व्यक्ति को यह महसूस ही नहीं हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है। उसने बहाने बनाकर उनसे पैसे मांगे, जैसे कि "मैं विदेश में हूं और मुझे यहां कुछ कानूनी मामलों को सुलझाने के लिए पैसों की जरूरत है," या "मुझे किसी बड़ी मुश्किल में फंसने से बचाने के लिए आपकी मदद चाहिए।" इस प्रकार, उसने उनकी भावनाओं और उनके भरोसे का फायदा उठाकर बड़ी राशि हासिल कर ली।

महिला ने यह काम बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया। उसने जो भी पैसे मांगे, उन्हें अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए कहा। ये खाते पहले से ही अलग-अलग नामों पर बनाए गए थे, जिससे पुलिस को उनकी ट्रैकिंग करना बेहद मुश्किल हो गया। उसने इस बात का भी पूरा ध्यान रखा कि हर ट्रांसफर छोटी रकम के रूप में हो ताकि किसी को शक न हो। बुजुर्ग व्यक्ति ने भी, महिला पर असीम विश्वास के कारण, इन बातों पर ध्यान नहीं दिया और पैसे भेजते रहे।

जब बुजुर्ग व्यक्ति को आखिरकार एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने अपने करीबियों और पुलिस को इस घटना के बारे में बताया, लेकिन तब तक उनकी मेहनत की कमाई से एक बड़ा हिस्सा जा चुका था। पुलिस जांच में यह सामने आया कि महिला ने खुद को एक नकली पहचान के साथ पेश किया था और वह पूरी तरह से इस जालसाजी के लिए तैयार थी। उसने हर कदम पर सावधानी बरती ताकि उसके बारे में कोई जानकारी न मिल सके।

पुलिस ने जांच शुरू की और उन 29 खातों का पता लगाने की कोशिश की, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। लेकिन महिला ने इन खातों का इस्तेमाल इतनी चतुराई से किया था कि पुलिस को जांच में बड़ी मुश्किलें आईं। इन खातों के पीछे की असली पहचान छुपाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज और अन्य तरीकों का सहारा लिया था। पुलिस को यह भी शक है कि यह महिला अकेले काम नहीं कर रही थी, बल्कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है।

यह घटना न केवल एक व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक सबक है कि हमें अजनबियों पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए। खासकर ऑनलाइन या दूरभाषीय बातचीत के माध्यम से बनने वाले संबंधों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। यह मामला दिखाता है कि किस तरह तकनीक का दुरुपयोग करके किसी की जिंदगीभर की मेहनत पर पानी फेरा जा सकता है।

बुजुर्ग व्यक्ति के साथ हुई यह धोखाधड़ी एक चेतावनी है कि भावनाओं में बहकर या जरूरत से ज्यादा भरोसा करके कोई भी निर्णय लेना कितना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने महिला की बातों पर विश्वास किया और यह सोचकर पैसे भेजे कि वह उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन असल में उन्हें एक सोची-समझी साजिश का शिकार बनाया गया। महिला ने न केवल उनकी भावनाओं का फायदा उठाया बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा को भी छीन लिया।

ऐसी घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि किसी पर भरोसा करने से पहले उसकी पृष्ठभूमि और नीयत को अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए। किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी या वित्तीय जानकारी साझा करने से पहले सतर्क रहना चाहिए। अगर किसी से ऑनलाइन बातचीत होती है और वह पैसे मांगता है, तो यह हमारे लिए एक रेड फ्लैग (चेतावनी) होना चाहिए। हमें इस तरह के मामलों में पुलिस या साइबर सेल से तुरंत संपर्क करना चाहिए ताकि धोखेबाजों को समय पर पकड़ा जा सके।

यह घटना समाज के हर वर्ग के लिए एक सबक है, खासकर बुजुर्ग लोगों के लिए जो अक्सर अकेलेपन और भावनात्मक समर्थन की तलाश में होते हैं। उन्हें अपने परिवार और करीबियों से बातचीत करनी चाहिए और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जागरूक रहना चाहिए। यह घटना यह भी दिखाती है कि कैसे आधुनिक तकनीक और इंटरनेट का दुरुपयोग करके अपराधी अपने जाल में मासूम लोगों को फंसाते हैं।

आज के समय में, जब डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन संवाद आम हो गए हैं, यह जरूरी है कि हर व्यक्ति सतर्क रहे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करे। अगर किसी को भी ऐसा लगे कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है, तो उन्हें बिना समय गंवाए अपनी समस्या पुलिस या संबंधित अधिकारियों के साथ साझा करनी चाहिए।

इस घटना के बाद, पुलिस और साइबर सेल ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। लोगों को भी सतर्क रहने और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि कोई भी इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न बने। यह मामला एक बड़ी सीख है कि किसी पर भी जरूरत से ज्यादा भरोसा करने से पहले हमें हर कदम पर सतर्कता बरतनी चाहिए।

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