Pakistan’s Champions Trophy 2025 in Danger?स्टेडियम तैयार नहीं!

NCI

Pakistan’s Champions Trophy 2025 in Danger?

 पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर हालात बेहद खराब नज़र आ रहे हैं। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की शुरुआत 19 फरवरी को होने वाली है, लेकिन पाकिस्तान के स्टेडियम्स की मरम्मत का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह काम समय पर पूरा होना लगभग असंभव (impossible) बताया जा रहा है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने भी यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि तय डेडलाइन से पहले स्टेडियम्स को पूरा कर पाना मुश्किल है।

टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान में होना है, लेकिन अब तक स्टेडियम्स की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने पहले दावा किया था कि 31 दिसंबर 2024 तक सभी स्टेडियमों की मरम्मत पूरी कर ली जाएगी, लेकिन यह डेडलाइन पार हो चुकी है। इसके बाद 31 जनवरी 2025 को दूसरी डेडलाइन दी गई थी, लेकिन ग्राउंड की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि इस समय तक काम पूरा हो जाएगा। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर स्टेडियम तैयार नहीं हुए, तो क्या चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में आयोजित होगी या किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट की जाएगी?

टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड सहित कुल आठ टीमें हिस्सा लेंगी। भारत को अपने ग्रुप स्टेज के मैचों में 20 फरवरी को बांग्लादेश से, 23 फरवरी को पाकिस्तान से और 2 मार्च को न्यूज़ीलैंड से भिड़ना है। इस कार्यक्रम को लेकर क्रिकेट प्रेमी काफी उत्साहित हैं, लेकिन स्टेडियम्स की खराब स्थिति ने आयोजकों की चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा स्टेडियम गद्दाफी स्टेडियम लाहौर भी मरम्मत कार्यों के कारण अधूरा पड़ा हुआ है। इसके अलावा अन्य स्टेडियमों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही है।

स्टेडियम्स के नवीनीकरण (renovation) में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। फ्लड लाइट्स (floodlights) का मुद्दा भी गंभीर है। पहले स्टेडियम्स में मरकरी लाइट्स (mercury lights) लगी हुई थीं, जिन्हें जलने में आधे घंटे तक का समय लगता था। अब एलईडी लाइट्स (LED lights) लगाई जा रही हैं, लेकिन उनकी टेस्टिंग भी पूरी नहीं हो पाई है। ड्रेसिंग रूम्स (dressing rooms) का भी कार्य अभी बाकी है। इसके अलावा, पिच और आउटफील्ड (outfield) की स्थिति भी पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है। स्टेडियम्स में अभी भी निर्माण कार्य के अवशेष (debris) पड़े हुए हैं, जिससे लग नहीं रहा कि जल्द ही इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों के लिए तैयार किया जा सकेगा।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड लगातार दावा कर रहा है कि स्टेडियम्स को समय पर तैयार कर लिया जाएगा, लेकिन विशेषज्ञ इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। इस मुद्दे पर पाकिस्तान के कुछ प्रमुख क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि जल्दबाजी में किया गया काम भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। यदि स्टेडियम्स को मजबूती और सुरक्षा के साथ तैयार नहीं किया गया, तो मैचों के दौरान कोई भी अप्रिय घटना (accident) हो सकती है। इससे ना सिर्फ पाकिस्तान क्रिकेट की साख (reputation) पर असर पड़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) भी इस पर सख्त निर्णय ले सकती है।

हाल ही में पाकिस्तान में एक ट्राई सीरीज (tri-series) का भी आयोजन होना है, जिसमें पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें हिस्सा लेंगी। यह सीरीज 8 फरवरी से शुरू होनी है और इसे चैंपियंस ट्रॉफी से पहले एक अभ्यास (warm-up) के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन यदि स्टेडियम्स तैयार नहीं हुए, तो इस सीरीज पर भी संकट मंडरा सकता है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त (confident) हैं कि काम समय पर पूरा हो जाएगा, लेकिन ग्राउंड रियलिटी (ground reality) कुछ और ही बयां कर रही है।

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से ही रोमांचक (thrilling) होते हैं और इस बार भी क्रिकेट प्रेमी 23 फरवरी को होने वाले मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान की प्रशासनिक विफलता (administrative failure) ने इस टूर्नामेंट के आयोजन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान पहले ही अपनी कूटनीतिक (diplomatic) गलतियों के कारण क्रिकेट जगत में अलग-थलग पड़ चुका है। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह पाकिस्तान में खेलने के लिए नहीं जाएगा, जिसके बाद पाकिस्तान को न्यूट्रल वेन्यू (neutral venue) पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा था। अब यदि स्टेडियम्स समय पर तैयार नहीं होते, तो ICC को इस टूर्नामेंट को भी किसी अन्य देश में स्थानांतरित (shift) करना पड़ सकता है।

गद्दाफी स्टेडियम की बात करें तो यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, लेकिन इसकी तुलना इंग्लैंड के लॉर्ड्स (Lords) या भारत के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) से नहीं की जा सकती। पाकिस्तान में स्टेडियम्स का रखरखाव (maintenance) बहुत खराब रहा है और यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय टीमें वहां खेलने से कतराती हैं। सुरक्षा कारणों (security reasons) से भी कई टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया था, लेकिन अब जब मौका आया है कि पाकिस्तान में एक बड़ा टूर्नामेंट आयोजित किया जाए, तो प्रशासनिक लापरवाही (negligence) इसकी राह में सबसे बड़ी बाधा बन रही है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अधिकारी जल्द ही पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं ताकि यह आकलन (assessment) किया जा सके कि स्टेडियम्स खेलने लायक हैं या नहीं। यदि ICC को लगता है कि स्टेडियम्स की स्थिति सही नहीं है, तो चैंपियंस ट्रॉफी को यूएई (UAE) या श्रीलंका में स्थानांतरित किया जा सकता है। पाकिस्तान की सरकार भी इस मुद्दे पर दबाव महसूस कर रही है, क्योंकि यह केवल क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं, बल्कि पाकिस्तान की प्रतिष्ठा (prestige) का सवाल भी है।

यदि चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में नहीं हो पाती है, तो यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए बहुत बड़ा झटका (setback) होगा। पहले ही पाकिस्तान की क्रिकेट अर्थव्यवस्था (cricket economy) संकट में है और अगर यह टूर्नामेंट किसी अन्य देश में चला जाता है, तो पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। पाकिस्तान के क्रिकेट फैंस (fans) भी इस स्थिति से नाराज़ हैं, क्योंकि लंबे समय बाद उन्हें अपने देश में एक बड़ा टूर्नामेंट देखने का मौका मिल रहा था।

अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान अंतिम समय में इस संकट को कैसे संभालता है। क्या स्टेडियम्स समय पर तैयार हो पाएंगे? क्या चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में ही आयोजित होगी? या फिर ICC कोई और निर्णय लेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। फिलहाल, पाकिस्तान क्रिकेट के हालात बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं और अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो क्रिकेट प्रेमियों को निराशा (disappointment) का सामना करना पड़ सकता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top