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Asteroid YPR4 NASA |
धरती के अस्तित्व को लेकर एक नई चिंता सामने आई है, जो नासा (NASA) द्वारा हाल ही में जारी एक चेतावनी से जुड़ी है। एक नए खोजे गए एस्टेरॉइड (Asteroid) वाय आर 4 (YPR4) को लेकर वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह 22 दिसंबर 2032 को धरती से टकरा सकता है। हालाँकि, इसकी संभावना बहुत कम है, लेकिन फिर भी यह चेतावनी एक गंभीर वैज्ञानिक चिंता का विषय बन चुकी है। यह एस्टेरॉइड 130 से 300 फीट चौड़ा बताया जा रहा है और यह स्पेस में घूमते हुए धरती के बेहद करीब से गुजर सकता है। नासा और अन्य स्पेस एजेंसियाँ लगातार इस पर नज़र बनाए हुए हैं, ताकि इसके पथ (trajectory) में कोई बदलाव आए तो उसे समय रहते समझा और विश्लेषण किया जा सके।
एस्टेरॉइड, जिन्हें उल्कापिंड (Meteorite) भी कहा जाता है, मुख्य रूप से मंगल (Mars) और बृहस्पति (Jupiter) के बीच स्थित एस्टेरॉइड बेल्ट (Asteroid Belt) में पाए जाते हैं। यह वही चट्टानी पिंड हैं जो ग्रह नहीं बन सके और अनियमित कक्षाओं में अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं। कई बार इनका गुरुत्वाकर्षण (gravity) के कारण पृथ्वी के करीब आना स्वाभाविक है, लेकिन अधिकांश समय ये धरती के वायुमंडल (Atmosphere) में प्रवेश करने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं। फिर भी, कुछ बड़े आकार के एस्टेरॉइड ऐसे भी होते हैं जो पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं, जैसा कि करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर (Dinosaur) के विलुप्त होने का कारण एक विशाल उल्कापिंड टकराव को माना जाता है।
नासा द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, वाय आर 4 एस्टेरॉइड 2032 में पृथ्वी के काफी नजदीक से गुजरेगा। वर्तमान में इस एस्टेरॉइड के पृथ्वी से टकराने की संभावना मात्र 1 प्रतिशत से भी कम बताई जा रही है, लेकिन यह तथ्य भी चिंता बढ़ाने के लिए काफी है, क्योंकि आमतौर पर किसी भी एस्टेरॉइड के टकराने की संभावना इतनी अधिक नहीं होती। वैज्ञानिकों ने इसे ‘टोरीनो इंपैक्ट हज़ार्ड स्केल’ (Torino Impact Hazard Scale) पर स्तर 3 का दर्जा दिया है, जो दर्शाता है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस संभावित खतरे को देखते हुए विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियाँ इस एस्टेरॉइड पर नजर रख रही हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) भी इस पर लगातार शोध कर रही है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह एस्टेरॉइड पृथ्वी से टकराया, तो यह किसी विशाल शहर को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसका प्रभाव किसी परमाणु विस्फोट (Nuclear Explosion) के समान होगा, जिससे भारी तबाही मच सकती है। यदि यह किसी महासागर में गिरता है, तो इससे विनाशकारी सुनामी (Tsunami) उत्पन्न हो सकती है, जिससे तटीय क्षेत्रों को भारी नुकसान हो सकता है।
इस खतरे से निपटने के लिए नासा ने पहले ही "डार्ट मिशन" (DART Mission) नामक एक योजना पर काम किया था। इस मिशन के तहत एक अंतरिक्ष यान (Spacecraft) को किसी संभावित खतरे वाले एस्टेरॉइड से टकराकर उसके पथ को बदलने के लिए भेजा गया था। यह प्रयोग सफल रहा था, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि यदि भविष्य में कोई एस्टेरॉइड पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा बनता है, तो उसे इस तकनीक के जरिए रोका जा सकता है। लेकिन अभी तक वाय आर 4 के लिए ऐसी कोई योजना घोषित नहीं की गई है।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भी इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए "इंटरनेशनल एस्टेरॉइड वार्निंग नेटवर्क" (IAWN) और "स्पेस मिशन प्लानिंग एडवाइजरी ग्रुप" (SMPAG) जैसे संगठनों का गठन किया है, जो एस्टेरॉइड के संभावित खतरों पर नजर रखते हैं और उनकी रोकथाम के लिए योजनाएँ तैयार करते हैं। ये संगठन बड़े टेलीस्कोप (Telescope) और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके अंतरिक्ष में एस्टेरॉइड की गतिविधियों का निरीक्षण करते हैं और यदि कोई बड़ा खतरा दिखाई देता है, तो समय रहते उससे निपटने के उपाय सुझाते हैं।
यद्यपि वाय आर 4 एस्टेरॉइड की टक्कर की संभावना अभी कम बताई जा रही है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि समय के साथ इसकी कक्षा (Orbit) में बदलाव आ सकता है, जिससे यह पृथ्वी के लिए और बड़ा खतरा बन सकता है। अंतरिक्ष में किसी भी वस्तु की गति और दिशा गुरुत्वाकर्षण बल और अन्य कारकों से प्रभावित होती है, इसलिए जब तक इस एस्टेरॉइड की संपूर्ण गति और पथ का सटीक अध्ययन नहीं हो जाता, तब तक इसकी संभावित टक्कर को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता।
इस विषय पर कई वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हमें इस तरह के खतरों को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए और एस्टेरॉइड्स को पृथ्वी से दूर करने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ विकसित करनी चाहिए। जबकि कुछ अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि निकट भविष्य में ऐसा कोई बड़ा खतरा नहीं है और हमें फिलहाल चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर भी, वैज्ञानिक समुदाय इस विषय पर लगातार शोध कर रहा है और सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है।
आम जनता के लिए यह जानकारी नई और चौंकाने वाली हो सकती है, लेकिन विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग इस तरह के खतरों से पहले से ही परिचित हैं। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान ने भी तेजी से प्रगति की है, जिससे हम पहले से अधिक सटीक भविष्यवाणियाँ कर सकते हैं और खतरों को टालने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियाँ इस बात को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं कि यदि भविष्य में कोई एस्टेरॉइड पृथ्वी से टकराने की संभावना रखता है, तो उसे रोकने के लिए सही समय पर प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
फिलहाल, वाय आर 4 एस्टेरॉइड का अध्ययन जारी है और आने वाले महीनों में इसके बारे में अधिक स्पष्ट जानकारी उपलब्ध हो सकती है। तब तक वैज्ञानिक इसे बारीकी से ट्रैक करते रहेंगे और इसके पथ में आने वाले किसी भी संभावित बदलाव पर नज़र रखेंगे। इस विषय पर आगे क्या निष्कर्ष निकलते हैं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि अंतरिक्ष में छिपे ये अनदेखे खतरों से निपटने के लिए हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।