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Mahakumbh 2025 Chaos! |
महाकुंभ 2025 में इस बार ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिल रही है। प्रयागराज में हो रहे इस महाकुंभ में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे वहां की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। हाल ही में 300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला, जो इतिहास में अब तक का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम माना जा रहा है। इस भयानक भीड़ और अव्यवस्थाओं के कारण कई लोग घंटों से फंसे हुए हैं। कई लोगों का कहना है कि वे 72 घंटे से जाम में फंसे हुए हैं और उनके पास ना तो खाने-पीने की व्यवस्था है और ना ही रुकने की कोई सुविधा। हाईवे पर हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कुछ लोगों ने पैदल ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
ट्रैफिक जाम की एक बड़ी वजह यह है कि अधिकतर लोग एक ही रूट से प्रयागराज जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि लखनऊ-प्रयागराज मार्ग पर भी करीब 25 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। प्रशासन के बार-बार अनुरोध के बावजूद लोग अलग-अलग रूट लेने को तैयार नहीं हैं। लोगों की यह जिद और भीड़भाड़ की स्थिति को और अधिक गंभीर बना रही है। कई श्रद्धालु यह मानकर चल रहे हैं कि महाकुंभ में स्नान करने से उनके सारे पाप धुल जाएंगे, लेकिन वे भूल रहे हैं कि इस अफरा-तफरी में वे दूसरों को भी परेशान कर रहे हैं।
ट्रेन यात्रियों की हालत भी कुछ अलग नहीं है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने एसी ट्रेन का शीशा तोड़ दिया, जिससे अंदर बैठे यात्री घायल हो गए। लोग किसी भी तरह प्रयागराज पहुंचने के लिए आतुर हैं और इसके लिए वे नियम-कायदों को ताक पर रख रहे हैं। ट्रेन के इंजन में जबरदस्ती घुसकर खुद ट्रेन चलाने की कोशिश करने तक के मामले सामने आए हैं। यह स्थिति रेलवे प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। यात्रियों की बढ़ती भीड़ के कारण प्रशासन को प्रयागराज रेलवे स्टेशन को भी बंद करना पड़ा। प्लेटफॉर्म्स पर लोगों के चलने तक की जगह नहीं बची थी।
महाकुंभ में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि गंगा घाटों पर भी भारी गंदगी फैली हुई है। जहां लोग पवित्र स्नान करने जाते हैं, वहीं खुले में शौच और कचरे की भरमार है। प्रशासन ने स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश जरूर की है, लेकिन भारी भीड़ के चलते सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। घाटों पर जगह-जगह प्लास्टिक की थैलियां, खाने-पीने का कचरा और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। श्रद्धालु किसी भी तरह स्नान करने की होड़ में लगे हुए हैं, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 44 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। अनुमान था कि 40 करोड़ लोग इस बार आएंगे, लेकिन यह संख्या पहले ही पार हो चुकी है और अभी भी करोड़ों लोग आने बाकी हैं। बनारस और अयोध्या जैसे अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए भी हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिससे वहां का पिलग्रिम टूरिज्म (Pilgrim Tourism) काफी बढ़ा है। हालांकि, कई लोगों का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा क्योंकि अव्यवस्थाओं के कारण उनके लिए यह यात्रा काफी कष्टदायक साबित हुई।
कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें साझा की हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले से ही इतनी भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन व्यवस्थाएं उतनी मजबूत नहीं थीं। प्रयागराज में वीआईपी घाटों पर कोई भीड़ नहीं देखी गई, जबकि आम जनता के लिए हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सरकारी अमला इस भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हालात अब हाथ से निकलते जा रहे हैं।
जो लोग महाकुंभ जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह सलाह दी जाती है कि वे सप्ताहांत (weekend) पर यात्रा करने से बचें और कम भीड़ वाले दिनों में जाएं। यात्रा से पहले ट्रैफिक और ट्रेन की स्थिति की जानकारी जरूर लें। यदि संभव हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें और बिना जरूरत के लंबी दूरी तक पैदल न चलें। इस समय महाकुंभ में जाना किसी रोमांचक यात्रा से कम नहीं है, लेकिन सुरक्षा और सहूलियत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
कुल मिलाकर, महाकुंभ 2025 अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ अव्यवस्थाओं और रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के कारण भी चर्चा में बना हुआ है। जहां एक ओर लोग पुण्य लाभ कमाने के लिए आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अव्यवस्थाओं के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि प्रशासन और श्रद्धालु दोनों मिलकर संयम और अनुशासन का पालन करें, तो इस महापर्व का अनुभव और भी सुखद बन सकता है।