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Samay Raina & Ranveer |
भारत में डिजिटल मनोरंजन का स्वरूप तेजी से बदला है, और इस बदलाव का एक प्रमुख उदाहरण स्टैंड-अप कॉमेडी और पॉडकास्टिंग में उभरते हुए नए नाम हैं। हाल ही में, समय रैना और रणवीर इलाहाबादी का शो इंडिया गॉट लैटेंट जबरदस्त सुर्खियों में रहा, लेकिन जितनी तेजी से इस शो ने लोकप्रियता हासिल की, उतनी ही तेजी से यह विवादों में घिरकर नीचे गिर गया। यह कहानी सिर्फ एक शो की नहीं, बल्कि भारतीय समाज में बदलते मनोरंजन के स्वरूप, सोशल मीडिया की ताकत और नैतिकता की सीमाओं के बारे में भी बहुत कुछ कहती है।
समय रैना का यह शो अपने प्रारंभिक दिनों में ही लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया था। इस शो की खासियत यह थी कि इसमें बड़ी-बड़ी हस्तियों को बुलाया जाता था, और स्टैंड-अप कॉमेडी की शैली में उनसे तीखे सवाल पूछे जाते थे। यह एक ऐसा मंच बन गया था, जहां बड़ी हस्तियां खुलकर अपनी बातें रखती थीं और कई बार तीखी टिप्पणियां भी कर देती थीं। शो की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे देखना और उस पर चर्चा करना ट्रेंड बन गया था। सोशल मीडिया और यूट्यूब की ताकत ने इसे और भी बड़े स्तर पर पहुंचा दिया। रणवीर इलाहाबादी जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्व का इससे जुड़ना भी इसकी लोकप्रियता बढ़ाने में सहायक रहा।
हालांकि, हर तेजी से बढ़ती चीज़ की तरह, इस शो की लोकप्रियता भी एक ऐसे मोड़ पर आकर ठहर गई जहां विवादों का दौर शुरू हो गया। स्टैंड-अप कॉमेडी और डार्क ह्यूमर (गंभीर विषयों पर व्यंग्य) के नाम पर कई बार ऐसे चुटकुले और टिप्पणियां की गईं, जिनसे समाज के एक बड़े वर्ग को ठेस पहुंची। खासकर, रणवीर इलाहाबादी की एक टिप्पणी जिसने व्यक्तिगत रूप से कई लोगों को आहत किया, वह इस पूरे विवाद का मुख्य कारण बन गई। यह टिप्पणी इतनी विवादास्पद रही कि देखते ही देखते सोशल मीडिया पर इसका जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। बड़े-बड़े लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी और जनता ने भी इसे अस्वीकार कर दिया।
रणवीर इलाहाबादी और समय रैना की इस गिरावट के पीछे कई कारण थे। पहला कारण तो सोशल मीडिया की वही ताकत थी, जिसने इस शो को प्रसिद्धि दिलाई थी। सोशल मीडिया जिस तेजी से किसी को ऊपर उठा सकता है, उतनी ही तेजी से उसे नीचे भी गिरा सकता है। एक समय जो लोग इस शो को देखकर ताली बजा रहे थे, वही लोग अब इसे बंद करने की मांग कर रहे थे। दूसरा बड़ा कारण था शो की भाषा और शैली। गालियों और आपत्तिजनक टिप्पणियों को कॉमेडी के नाम पर प्रस्तुत करना एक हद तक तो स्वीकार्य होता है, लेकिन जब वह सीमा पार कर जाती है, तो वही कॉमेडी विवाद बन जाती है।
गालियों और डार्क ह्यूमर को भारतीय समाज किस हद तक स्वीकार करता है, यह इस मामले ने साबित कर दिया। भारत में स्टैंड-अप कॉमेडी धीरे-धीरे पश्चिमी मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह पूरी तरह से भारतीय समाज के अनुरूप नहीं बैठता। पश्चिमी देशों में जहां डार्क ह्यूमर और गाली-गलौज वाली कॉमेडी आम बात है, वहीं भारत में अभी भी पारंपरिक और नैतिक मूल्यों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसीलिए, जब समय रैना और रणवीर इलाहाबादी ने कुछ अधिक बोल दिया, तो यह समाज को रास नहीं आया।
इस पूरे विवाद का एक और महत्वपूर्ण पहलू है—लोकप्रियता का मोह। जब कोई व्यक्ति प्रसिद्धि के शिखर पर होता है, तो उसके ऊपर अपेक्षाएं भी बढ़ जाती हैं। समय रैना और रणवीर इलाहाबादी की लोकप्रियता के कारण ही बड़ी हस्तियां उनके शो में आ रही थीं, लेकिन जब विवाद शुरू हुआ, तो वही हस्तियां खुद को इस शो से अलग करने लगीं। रणवीर इलाहाबादी ने अपने यूट्यूब चैनल से हजारों की संख्या में सब्सक्राइबर खो दिए। समय रैना को मजबूरी में अपने शो के सारे एपिसोड हटाने पड़े और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए पोस्ट किया—"Too much to handle" (संभालना मुश्किल हो रहा है)।
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या समय रैना और रणवीर इलाहाबादी की दोबारा वापसी संभव है? मनोरंजन की दुनिया में विवाद कोई नई बात नहीं है। कई बड़े कॉमेडियन और कलाकार विवादों में घिरे हैं, लेकिन समय के साथ उन्होंने वापसी भी की है। मुनव्वर फारूकी जैसे कॉमेडियन को भी अपने विवादित बयानों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, लेकिन आज वे फिर से मंच पर सक्रिय हैं। कपिल शर्मा भी डिप्रेशन और विवादों से गुजर चुके हैं, लेकिन उन्होंने भी शानदार कमबैक किया।
हालांकि, इस मामले में स्थिति थोड़ी अलग है। यह सिर्फ एक विवाद नहीं, बल्कि पूरे शो की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाला मामला बन गया है। भारत में यूट्यूब और सोशल मीडिया के माध्यम से नई तरह की कॉमेडी और मनोरंजन का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन यह विवाद दर्शाता है कि भारतीय समाज अभी भी कुछ सीमाओं के भीतर रहकर ही मनोरंजन को स्वीकार करता है।
इस पूरे विवाद का एक और असर यह भी हो सकता है कि सरकार अब डिजिटल कंटेंट को लेकर और भी सख्त नियम बना सकती है। पहले से ही Broadcast Bill पर चर्चा चल रही है, और इस विवाद ने इसे और भी मजबूती दे दी है। यदि यह बिल लागू होता है, तो भविष्य में यूट्यूब, पॉडकास्ट और अन्य डिजिटल माध्यमों पर कंटेंट क्रिएटर्स की स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
इसके अलावा, यह घटना एक सबक भी है कि कोई भी कंटेंट क्रिएटर, चाहे वह कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो, उसे अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए। दर्शकों की भावनाओं और समाज की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। आज के दौर में जब सोशल मीडिया की ताकत इतनी ज्यादा है, तब कोई भी गलत कदम आपको शिखर से गिरा सकता है।
रणवीर इलाहाबादी और समय रैना के इस विवाद ने कई सवाल खड़े किए हैं—क्या भारतीय समाज सच में इस तरह की कॉमेडी के लिए तैयार है? क्या डिजिटल मनोरंजन में कोई सीमा होनी चाहिए? और सबसे अहम सवाल, क्या वे दोबारा वापसी कर पाएंगे? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि यह विवाद भारतीय डिजिटल मनोरंजन जगत में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।